: कोलकाता, 02 मार्च। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। हालांकि राज्य सरकार के मंत्री, विधायक और तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेता आचार संहिता का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
एकदिन पहले ही राज्य के शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के प्रशासक फिरहाद हकीम का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे मौलवियों को मुख्यमंत्री से भत्ता दिलवाने का ऑफर दे रहे हैं। इसे लेकर भाजपा ने चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई है। पार्टी ने उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की है। हालांकि हकीम ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि वह सिर्फ दुआ मांगने मस्जिद में गए थे। वीडियो के बारे में उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
इसी तरह आसनसोल में राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक पर भी आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप लगे हैं। चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद भी उन्होंने नगर निगम परिसर के हॉल में अपनी पार्टी के अल्पसंख्यक सेल की बैठक की है। इसे लेकर भाजपा ने जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखी है। जिसके बाद पश्चिम बर्दवान के जिलाधिकारी ने नगर निगम के आयुक्त को फोन किया जिन्होंने बताया है कि नगर निगम के हॉल को बहुत पहले ही मलय घटक ने किराए पर लिया था।
हालांकि नियमानुसार अधिसूचना जारी हो जाने के बाद यह कार्यक्रम रद्द हो जाना चाहिए था लेकिन मंत्री ने नहीं किया है। इस संबंध में पश्चिम बर्दवान के जिलाधिकारी और जिले के मुख्य चुनाव अधिकारी पूर्णेंदु मांझी से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नगर निगम के हॉल को बहुत पहले से किराए पर लिया गया था। इस लेकर भाजपा जिला अधिकारी पर भी मिलीभगत का आरोप लगा रही है। चेतावनी दी गई है कि इसके खिलाफ कोलकाता में चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई जाएगी।


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