मेरठ । ccsu कार्यक्रम के चथुर्तदिवस पर अरुनिमा शर्मा द्वारा एक व्यखान मे अपनी सफलता की यात्रा जो मेरठ से प्रारम्भ कि अब वर्तमान मे वह सेलस फोर्स कम्पनी मे प्रोडक्ट मैनेजेर के पद पर कर्यकरत है। नामित व्यवसायिकएटिडिएक्स प्रवक्ताएप्रशिक्षक तथा एम एल पब्लिशड रिसर्चर है।अपनी शैक्षिक योग्ता तथा सामाजिक प्रभावी नेतृत्व के कारण गूगल वोमेन टेकमकेर अध्येतावृत्ति प्राप्त कि इसके साथ ही उन्होने टेलेन्ट फेलो के रुप मे कोनटेरेरी वेनचर फनड भी प्राप्त किया। गूगल एफेसबूकएआई आई आई ई कोलम्बिया विश्वविद्यालय द्वारा पहल कि गयी समावेशी विविधता कार्यक्रम का संचालन भी किया।उन्होने अपने व्यखान मे साहसिक और दृढ़ता को सफलता का महिलाओं के लिये मूल मन्त्र बताया जो कड़ी मेहनत.अनुकूलनता .सही मार्गदर्शन से प्राप्त किया जा सकता है । आत्मनिर्भरता ही महिलाओं को सशक्त बना सकती है भारत देश में महिलाओं के सशक्तिकरण की ओर बढ़ते कदमों से यह तो अवश्य प्रतीत होता है कि आज महिलाओं की स्थिति पहले से तो बेहतर है परंतु अभी भी भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है। इसलिए व्यक्तिगत स्तर पर महिलाओं को सशक्त होना आवश्यक हैए और सशक्तता की आत्मा आत्मनिर्भरता में हैए आत्मनिर्भरता ही महिलाओं को सशक्त बना सकती है। तभी समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ किया जा सकता है। यह बात डॉ0 संजय शिक्षक मनोविज्ञान विभाग चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालयए मेरठ ने चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान के तहत आयोजित वेबिनार में कही। डॉ0 संजय ने कहा कि आत्मनिर्भर व्यक्ति सदैव आत्मप्रेरित. जिम्मेदार. अनुशासित व आत्म विश्वास वाले होते हैंए वे अपनी छोटी.छोटी समस्याओं के हल निकालने में सक्षम होते हैं और वे अपनी बात निडरता से दूसरों से कह पाते हैं और आवश्यकता पड़ने पर अपनी आवाज उठा पाते हैं। ऐसे लोग अपने व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं और समाज को विकसित करने में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं।
प्रति कुलपति प्रो0 वाई विमला ने कहा कि यदि महिलाओं को सशक्त होना है तो उन्हें सामाजिकए आर्थिक व मनोवैज्ञानिक रूप से आत्मनिर्भर होना होगा। इसके लिए महिलाओं को खुद से प्रेरित होनाए अपनी आवाज उठानाए अपने अधिकारों के लिए लड़नाए और किसी भी स्थिति में अपने लिए पहला कदम उठाना सीखना होगा। और इसकी पहली सीढ़ी तो अपनों के बीच से ही शुरू होती है और वहीं से हम सशक्त होना सीखते हैं। इन सबके लिए उनका शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वास्थ् होना आवश्यक है। प्रो0 नीलू जैन गुप्ता ने कहा कि उन्हें महिलाओं को अपने लक्ष्य को निर्धारित करना होगा और निर्धारित लक्ष्यों की ओर बढ़ने के साथ.साथ योगाए मेडिटेशन एक्सरसाइज और अच्छा भोजन भी करना चाहिए। अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अपनी कमियों को स्वीकार कर अपनी अन्य ताकतों पर भरोसा करना चाहिए और मन में कोई शंका होने पर अपने बड़ोंए शिक्षको या माता.पिता से साझा कर उनसे बाहर आकर जीवन लक्ष्यों की ओर बढ़ना चाहिए। मिशन शक्ति कार्यक्रम की समन्वयक प्रो0 बिन्दु शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में महिला हर क्षे़त्र में अपनी योग्यता को साबित कर रही है। बावजूद इसके महिलाओं को समाज में वह स्थान नहीं मिल पा रहा है जिसकी वह हकदार हैं। सामाजिक बेडियां होने के बावजूद महिलाओं ने पुरूषों के समक्ष अपने ज्ञान एवं विवके का परिचय दिया है।
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