: यमुनानगर, 10 फरवरी । भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी बुधवार को गधौला टोल प्लाजा पर चल रहे किसान आंदोलन के धरना स्थल पर किसानों के बीच पहुंचे। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि देश चंद लोगों की मुट्ठी में खेल रहा है । पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा हर तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। सरकारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है। आज केंद्र सरकार विश्व व्यापार संगठन का सदस्य बनने के बाद उनके द्वारा बनाए गए कानूनों के हिसाब से चल रही है। उन्होंने कहा कि यह एक धर्म युद्ध है जिसकी लड़ाई हमें लडनी है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से महाराष्ट्र के 7-8 व्यापारियों ने पूरे देश की दाल का भंडारण करके और आयात के रेट करके मुनाफा कमाया। जिस कारण 50 रुपये किलो वाली दाल हमें 200 रुपये किलो खानी पडी । उन्होंने कहा कि सरकार का यह कृषि कानून एक कृषि व्यापार कानून है । जबकि खाना व्यापार नहीं होता, भोजन व्यापार नहीं होता। कृषि व्यापार कानून लाकर सरकार पूंजीपतियों को लाभ देकर किसानों को मारना चाहती है। अगर आंकड़ों में देखा जाए चार लाख के लगभग किसान आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारी फसलों का 17 लाख करोड़ रूपये के करीब लागत बनती है और जबकि हमें 13 से 14 लाख करोड़ रुपये मिलते है। और हर वर्ष में 3 से 4 लाख करोड़ रूपये का नुकसान हो रहा है। सरकार जीडीपी गिरने की बात कहती है। मंदी के दौर में भी सरकार ने किसानों की कोई मदद नहीं की बल्कि मारुति जैसे कार्पोरेट को मदद दी। उन्होंने किसानों में जोश भरते हुए कहा कि सरकार का जवाब हम जरूर देंगे । यह लड़ाई कितनी भी लंबी लड़नी पड़े हम लड़ेंगे। और जब तक भी लड़ेंगे जान लड़ा कर लड़ेंगे। सरकार गुंडाराज चला रही है। उन्होंने कहा कि आन्दोलन को कुचलने के लिए बेरिकैट लगाकर, वाटर कैनिंग से, सडकों को खुदवाकर, झूठे मुकदमें बनाकर आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रही है। लेकिन अब यह आंदोलन सिर्फ किसान,मजदूर, व्यापारी का ही नहीं बल्कि आम जन का आंदोलन बन गया है। और अब यह लड़ाई जनता लड़ रही है। बीजेपी के गुंडे आंदोलनकारियों पर पथराव कर रहे हैं, आंदोलन को भटकाने के लिए उपद्रव कराने का प्रयास कर रहे हैं ।
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