नयी दिल्ली। किसान और सरकार के बीच घमासान जारी है। किसान कड़ाके की सर्दी में भी सड़कों पर डटे हुए हैं। आज आंदोलन का 32वां दिन है।वहीं, इस घमासान के बीच किसानों की ओर से एक अच्छी खबर भी आई है। किसानों ने सरकार की ओर से आया बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। लेकिन साथ ही वो शर्तें भी रख दी हैं, जिन्हें लेकर ये पूरा घमासान चल रहा है। अब गेंद सरकार के पाले में है। किसानों ने प्रस्ताव के साथ आंदोलन तेज करनी की चेतावनी भी दे दी है। किसानों ने केंद्र सरकार का बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। केंद्र सरकार ने इसके लिए 29 दिसंबर के दिन 11 बजे का समय प्रस्तावित किया है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इसपर सोमवार यानी 28 दिसंबर तक अपनी सहमति दे देगी।नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।इस आंदोलन में प्रदेश के कई जिलों के किसानों के भी शामिल होने की सूचनाओं के बीच यूपी सरकार अलर्ट हो गई है। योगी सरकार ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को मैदान में उतार दिया है। 27, 28 और 29 दिसंबर को वरिष्ठ अधिकारी जिलों में डेरा डालकर किसान संगठनों और उनके प्रतिनिधियों से बात करेंगे। ये वरिष्ठ अधिकारी किसानों की समस्याओं की समीक्षा करेंगे। वही दिल्ली के बॉर्डर पर जमे किसान 27 और 28 दिसंबर को शहादत दिवस मनाएंगे। 30 दिसंबर को किसान ट्रैक्टर लेकर मार्च करेंगे। बैठक में फैसला. वार्ता नाकाम हुई तो तेज होगा प्रदर्शन किसानों की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि सरकार से वार्ता नाकाम हुई तो प्रदर्शन तेज किया जाएगा। एनडीए के सांसद, विधायकों के विरोध को बढ़ाया जाएगा। अडानी.अंबानी के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार जारी रहेगा। हरियाणा के साथ.साथ अब पंजाब के टोल भी फ्री कर दिए जाएंगे। पराली जलाने पर दंड के प्रावधान पर भी हो बात नए कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की मांग है कि पराली जलाने पर दंड के प्रावधानों को बाहर करने पर चर्चा हो, किसान विद्युत संशोधन विधेयक 2020 में भी जरूरी बदलाव करने की भी मांग कर रहे हैं। किसानों की मांग. पहले इन बिंदुओं पर हो चर्चा नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की मांग है कि सबसे पहले इन कानूनों को रद्द करने के लिए अपनाई जानेवाली क्रियाविधि को लेकर चर्चा हो। इसके बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी की प्रक्रिया और प्रावधान पर बात हो।
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