राज्य की वेबसाइट पर अपलोड होगी पूरी जानकारी
 
 मुख्य सचिव ने प्रदेश के जिलाधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

 

मेरठ, 2 दिसम्बर 2020 । सर्दी में कोविड-19 के मामले बढ़ने की आशंका को देखते हुए शासन प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। सूबे के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आर्थिक गतिविधियां जारी रखना आवश्यक है इसलिए अब माइक्रो लेवल पर कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। कंटेनमेंट जोन में कड़ी निगरानी के साथ केवल आवश्यक गतिविधियां ही अनुमन्य की जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि कंटेनमेंट जोन की जानकारी जिलाधिकारी राज्य की वेबसाइड पर अपलोड करेंगे ताकि कंटेनमेंट जोन के बारे में सबको जानकारी रहे। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने, हाथों को सैनिटाइज करने और सामाजिक दूरी के मानकों का सख्ती पालन कराया जाए।
मुख्य सचिव ने सार्वजनिक परिवहन के साधनों और साप्ताहिक बाजारों में सख्ती से कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा है कि कोविड वायरस की श्रंखला को तोडऩे के लिए कंटेनमेंट जोन का प्रभावी ढंग से चिन्हांकन अति आवश्यक है। जनपद में बनाए गए कंटेनमेंट जोन का प्रचार प्रसार किया जाए ताकि लोग संवेदनशील क्षेत्रों में आवागमन करने से बच सके। जिलाधिकारी के बालाजी ने जनपद वासियों से अपील की है कि जरूरी काम होने पर मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें और सार्वजनिक स्थानों पर दो गज की दूरी बनाए रखें।
जिलाधिकारी बताया कि कंटेनमेंट जोन में केवल अति आवश्यक गतिविधियां ही अनुमन्य हैं। ऐसे क्षेत्रों में केवल चिकित्सकीय आपातकालीन सुविधाओं और आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं की आपूर्ति के लिए आवागमन किया जा सकता है। सर्विलांस टीम कंटेनमेंट जोन में आने वालों घरों की सघन निगरानी कर रही है।
72 घंटे में चिन्हित हों संपर्क :-
मुख्य सचिव की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित प्रोटोकाल के मुताबिक कोविड टेस्टिंग की जाए। पॉजिटिव आने वाले लोगों को तत्काल आइसोलेट करते हुए उपचार प्रारंभ कर दिया जाए। आवश्यकता होने पर तत्काल अस्पताल में भर्ती किया जाए। पॉजिटिव आने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने वालों की ट्रेसिंग, क्वेरेंटाइन के साथ ही 14 दिन तक लगातार उनके स्वास्थ्य के बारे में फालोअप किया जाए। 80 प्रतिशत संपर्क चिन्हित किए जाने का काम 72 घंटे में पूरा कर लिया जाए।
संवेदनशील श्रेणी में आने वाले घरों में ही रहें :-
संवेदनशील श्रेणी में आने वाले, जैसे 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति गर्भवती और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी को छोड़कर घर से बाहर न निकलें। जिला प्रशासन, पुलिस और स्थानीय निकाय मिलकर गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे। आईएलआई (इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस) सारी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) के लक्षण आने पर निरंतर निगरानी रखते हुए चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मुख्य सचिव ने बफर जोन में फीवर क्लीनिक अथवा मोबाइल चिकित्सा यूनिट को भी सक्रिय करने को कहा है। उन्होंने कोविड-19 प्रोटोकॉल के प्रति निरंतर जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं। 


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