गाज़ियाबाद। देश पर हुए सबसे बड़े हमले की बरसी पर शहीद के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में नहीं कोई भी नेता या फिर प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा। 13 दिसंबर 2001 को दिल्ली संसद भवन पर हुए हमले में गाजियाबाद लोनी के टीला गांव निवासी देशराज मावी आतंकवादियों की गोलियों से शहीद हुए थे। शहीद देशराज मावी की शहादत पर परिवार हर साल 13 दिसंबर को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करता है। शहीद देशराज मावी के पुत्र वीरेंद्र मावी ने कहा की सरकार और प्रशासन की अपेक्षा के चलते वह आहत हैं। सन 2001 में संसद पर देश का सबसे बड़ा हमला हुआ था। उन्होंने अपने पिता का स्मारक स्थल खुद अपने खर्चे से बनवाया है। सरकार से बार-बार कहने के बाद भी इस शहीदी स्मारक तक आज तक कोई रास्ता नहीं बनाया गया है। शहीद देशराज मावी के भाई देवेंद्र महावीर ने प्रशासनिक अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पर प्रशासनिक अधिकारी के व्यवहार से यह लोग दुखी हैं। यहां पर बार-बार कहने के बावजूद भी प्रशासन ने आज तक रास्ता नहीं बनवाया है और सबसे बड़े दुख की बात है कि वर्ष में 1 दिन होने वाले इस कार्यक्रम के लिए क्षेत्रीय नेताओं के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों के पास भी समय नहीं है। 13 दिसंबर को बलिदान दिवस के अवसर पर शहीद देशराज मावी के परिजनों ने स्मारक स्थल पर यज्ञ हवन कर भंडारे का आयोजन किया। कार्यक्रम में परिवारिक मित्र शामिल रहे।
No comments:
Post a Comment