धर्मेन्द्र किरठल, सतेन्द्र मुखिया व सुभाष उर्फ छोटू  नामजद

बड़ौत | रमाला थाना क्षेत्र के किरठल गांव में प्रधानी के चुनाव की रंजिश को लेकर एक वृद्ध की खेत में गोली मारकर हत्या कर दी। वृद्ध अपने पुत्रों व परिवार सहित खेत में गन्ने की बुग्गी भरने के लिए गया था। हत्यारे शायद उसकी तलाश में थे। हत्यारे गोली मारकर फरार हो गए। घटना की सूचना पर रमाला पुलिस ने मामले की जानकारी ली। परिजनों ने धर्मेन्द्र किरठल समेत तीन नामजद किए।
यह घटना शनिवार सुबह की है। रमाला थाना क्षेत्र के किरठल निवास किसान इरशाद पुत्र फखरुद्दीन (60) अपने बेटों सद्दाम, इखलाक व मेहंदी के साथ खेत में बुग्गी लेकर गन्ने की पर्ची भरने गया था। जब उन्होंने खेत में जाकर बुग्गी रोकी और करने के लिए तैयार हुए।
तभी ईंख के खेत से निकले तीन-चार बदमाशों ने इरशाद को निशाना बनाते हुए गोली मार दी। हत्यारे इससे पहले इरशाद के पास आकर उससे बात करने लगे ने। तभी एक बदमाश ने उसकी छाती में गोली मार दी। हत्यारों के डर से मृतक के पुत्र जान बचाकर भाग लिए।
हत्यारे भी हवाई फायरिंग करते हुए खेतों से होकर फरार हो गए। मृतक के पुत्रों ने गांव में पहुंचकर परिजनों को जानकारी दी। खेत में काफी संख्या में लोग एकत्र हो गए। सूचना पर रमाला पुलिस के अलावा छपरौली पुलिस भी पहुंची। शव को कब्जे में लिया। सीओ बड़ौत भी घटना स्थल पर पहुंचे।
परिजनों ने बताया कि वह गांव में ग्राम प्रधान के चुनाव में दूसरे पक्ष के साथ थे। जबकि धर्मेंद्र पक्ष उन पर लगातार दबाव डाल रहा था। चुनावी रंजिश के कारण इरशाद की हत्या की गई। परिजनों ने हत्यारों की पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने हत्यारों के घरों पर दबिश दी। लेकिन में वह फरार हो गए थे।
पुलिस ने कई हत्यारों के परिजनों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। मृतक के बेटे सद्धाम ने रमाला थाने पर ग्राम प्रधान पति धर्मेन्द्र किरठल पुत्र रामपाल निवासी किरठल, सतेन्द्र मुखिया पुत्र रामदास निवासी सून्हेड़ा व सुभाष उर्फ छोटू निवासी सिसौली जिला मुजफ्फर नगर व एक अन्य ने खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। हत्या कारण गत प्रधानी चुनाव में धर्मेन्द्र किरठल के खिलाफ होना बताया।
धर्मेन्द्र किरठल संपत्ति कुर्क हाने के बाद से फरार
शिक्षा धर्मेंद्र के मकान की प्रशासन द्वारा संपत्ति को अवैध धन से हासिल करने के आरोप में इसी साल 12 अक्टूबर कुर्क कर लिया गया था। तीन संपत्तियों की कीमत 59 लाख रुपए आंकी गई थी। तब से धर्मेंद्र किरठल गांव से फरार है। तीनों संपत्तियों पर तालाबंदी कर प्रशासन ने सील लगा दी थी।
धर्मेंद्र की मां सुरेश देवी जिला पंचायत सदस्य है व पत्नी सुदेश देवीसमेत पड़ोस में रह रहे हैं धर्मेंद्र के पास में सत्येंद्र मुखिया वह सुभाष उर्फ छोटू पारिवारिक सदस्य के रूप में रह रहे थे वह भी गांव से मैं दिखाई नहीं दे रहे हैं हालांकि खेती आदि का कार्य वही देख रहे हैं पुलिस प्रशासन की बढ़ती शक्ति के बाद से धर्मेंद्र को पकड़े जाने का आभास हो गया था। इससे वह गांव से फरार चल रहा है। हालांकि गांव में उसकी पत्नी व मां ही रह रही है।

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