निसंतान दंपत्तियों के लिये संजीवनी बन रहे आईवीएफ सरोगेसी सैंटर

 संतान पाकर खुशियों से भर रहा निसंतान दंपत्त्तियों का जीवन

 

मेरठ।पुरूषों में नि:संतान की समस्या अकेले भारत में नहीं है।बल्कियह समस्या पूरे विश्व में है। आमतौर पर संतान सुख पाने के लिये महिला और पुरूष दोनो का ही सेहतमंद होना आवश्यक होता है। अगर उनमें से कोई भी एक सेहतमंद नहीं है, तो उन्हें संतान सुख नहीं मिल पाता है। इस समस्या को मेडिकल भाषा में इनफ र्टिलिटी कहा जाता है। पुरूष नि:संतानता आमतौर पर वीर्य की कमी और वीर्य की गुणवत्ता के कारण होता है। इस बारे में प्रेम हास्पिटल के पुरूष निसंतानता विशेषज्ञ डा. अनुज शर्मा  से जानकारी लेने का प्रयास किया गया। जिस पर उन्होंने महत्वपूर्ण जानकारी दी।
 डा. अनुज ने बताया कि पुरूष निसंतानता के दो कारण है। पहला शुक्राणुओं की समस्या और दूसरा सेक्सुअल डिसफक्शन । शुक्राणुओं की समस्या के अंर्तगत शुक्राणुओं का कम होना, शुक्राणुओं का कम होना, शुक्राणुओं की शेप की समस्या जैसे कारक शामिल है। उन्होंने बताया प्रेम हास्पिटल में आईवीएफ एंड सरोगसी सैटर में नि:संतान की समस्या से जूझ रहे लोगों का प्रभावी इलाज किया जा रहा है। उनके यहां पर आईवीएफ एआईसीएसआई और ब्लास्टोसिस्ट ट्रंासफर सहित नवीनतम प्रजनन तकनीक की सुविधा प्रदान की जा रही है।
 उन्होंने बताया कि एजुस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति है जिसमे पुरूष के शरीर से उचित मात्रा में शुक्राणु नहीं बन पाते है। यह निसंतानता से जुडा होता है। एक शोध के अनुसार पुरूषों में यह समस्या 12 से 20 प्रतिशत तक बढी है।
 कमी का कारण जानना है अहम
 शुक्राणु कम होने की समस्या के पीछे कई कारण हो सकते है। कई बार कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी भी एक कारण होता है। इसके अलावा गलत जीवन शैली,खानपान मेें गडबडी, तनाव, फ ोलीक्यूल  स्टूमुलेटिग हार्मोन का कम होना और आनुवांशिक कारण भी होते है। इस समस्या की पहचान के लिसे सिमन का टेस्ट, ब्लड टेस्ट,ट्रासरीटल अल्ट्रासाउंड, टीएसएच व एलएच टेस्ट करवाये जाते है।
 ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया
 इसका मतलब है कि शुक्राणु आमतौर पर टेस्टिकल के अंदर उत्पादित होते है ,लेकिन जब प्रजनन टयूब में कोई रूकावट या बाधा हो जाती है तो यह शुक्राणु को बाहर नहीं निकलने देते।
 नॉन-ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया
 इसका मतलब होता है। कि टयूब खुले है। लेकिन शुक्राणु उत्पादन में समस्या है। कोई शुक्राण्ुा पैदा नहीं होता या शुक्राणु उत्पादन का स्तर बहुत कम होता है। शुक्राणु का स्तर इतना कम होता है कि अंडकोष से बाह नहीं आ सकते है।
 ऐसे संभव है उपचार
 एंटीबायोटिक से प्रजनन पंथ के संक्रमण का इलाज हो सकता है। यौन समस्याओं जुडे व्यक्तिों को समय पर औषधी या परार्मश लेने पर पर संतान दोष य समयपूर्व वीर्यपात की समस्या समाप्त हो सकती है। चिकित्सक ऐसे मामलों में हार्मोन प्रतिस्थापना या दवाओ की सलाह दे सकते है।
 सहायक प्रजनन तकनीक एआरटी
  एआरटी के इलाज में शुक्राणुओं का सामान्य स्खलन सर्जिकल, निष्कर्षण या दाता व्यक्तियों से लेकर, आपके विशिष्ठ मामले और इच्छाओं  के आधार पर प्राप्त करना शाामिल है।
 इन्होंने कहा :-
 पुरूष निरूसंतानता का इलाज संभव है। समय रहते इसकी पहचान कर इलाज बेहद अहम है । इसके अलावा पुरूष को इन मामलो में शरमाने की नहीं बल्कि जागरूक रहने की आवश्यकता है। इसके साथ यह जरूरी है एक पुरूष हौल्दी लाइफस्टाईल अपनाए । 
 डा अनुज शर्मा. पुरूष नि:संतानता विशेषज्ञ


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