मेरठ । मेरठ समेत पश्चिमी उप्र के अन्य जिले के उद्यमियों को बड़ी राहत मिली है। अब उनके भुगतान संबंधी प्रकरण की सुनवाई मंडल मुख्यालय में ही हो सकेगी। अब तक प्रदेश में सिर्फ एक ही सेंटर कानपुर में था। इससे उद्यमियों को कानपुर का चक्कर काटना पड़ता था। लेकिन अब मेरठ में फैसिलिटेशन सेंटर खुल जाने से न सिर्फ उद्यमियों को राहत ही मिलेगी बल्‍कि आद्योगिक को रफ्तार भी मिलेगी। मेरठ को इसका लाभ तो मिलेगा ही मिलेगा। पश्‍चिमी उप्र को भी लाभ मिलेगा। 
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज गुप्ता के मुताबिक प्रदेश के सभी 18 मंडलों में फैसिलिटेशन खोलने के लिए शासनादेश जारी हो गया है। इस व्यवस्था के बाद औद्योगिक इकाइयों के विवाद निपटान में बड़ी राहत मिलेगी। कारोबारियों को अब कानपुर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। मेरठ में ही विवादों का निपटान हो जाएगा।
अभी तक पूरे प्रदेश की औद्योगिक इकाइयों के बकाया भुगतान के विवाद को सुलझाने के लिए उद्यमियों को कानपुर स्थित फैसिलिटेशन सेंटर पर जाना पड़ता था। यहां पर एक बार में विवाद नहीं सुलझने पर बार-बार चक्कर लगाने की मजबूरी रहती थी। औद्योगिक संगठन लघु उद्योग भारती और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आइआइए) कई बार शासन से मांग कर चुका था।

पंकज गुप्ता ने बताया कि कानपुर फैसिलिटेशन सेंटर में करीब 70 फीसद प्रकरण सिर्फ पश्चिमी उप्र के ही होते थे। अब इससे समय बचेगा। खर्च बचेगा। सुनवाई के लिए तिथि जल्द मिल जाया करेगी। गौरतलब है कि सरकारी उपक्रमों या अन्य किसी फर्म के पास बकाया भुगतान न मिलने का प्रकरण यहीं सुना जाता है।
कमिश्नर होंगी अध्यक्ष
फैसिलिटेशन सेंटर में सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय समिति बनेगी। इसमें अध्यक्ष कमिश्नर रहेंगी। प्रशासन से ही एक अधिकारी सचिव रहेंगे। तीन सदस्यों में एक आइआइए, एक उद्योग भारती के पदाधिकारी व एक अग्रणी बैंक की ओर से नामित अधिकारी होंगे। 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts