वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के बैंक द्वारा अर्जित आय व व्यय का लिया ब्यौरा

 

मेरठ। गुरूवार को उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक लि लखनऊ मुख्यालय लखनऊ पर वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्षों के साथ बैंक की आर्थिक स्थिति एवं अध्यक्षों के कार्यकाल में उनके बैंक द्वारा अर्जित की गयी उपलब्धियॉं मंत्री सहकारिता श्री मुकुट बिहारी वर्मा  ने परिचर्चा की कार्यक्रम की अध्यक्षता मंत्री सहकारिता मुकुट बिहारी वर्मा ने की। कार्यक्रम का संचालन प्रबन्ध निदेशक, सहकारिता उप्र  भूपेन्द्र कुमार ने की। बैठक में उपस्थित अपर मुख्य सचिव, सहकारिता, रामारेड्डी , अपर रजिस्ट्रार बैंकिंग शैलेन्द्र कुमार तथा सभी बैंकों के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी रहे।

     मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा मेरठ के जिला सहकारी बैंक की शाखाओं को तारीफ की।उन्होंने कहा बैंक ने खर्च कम किया है और आय बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के बैंकों को एनपीए घटाना है तथा ऋण वितरण बढ़ाना है। बैंकों को ऊर्जावान बनाना है। बैंक की प्रबन्ध समिति से पारित प्रस्तावों को उपआयुक्त, सहकारिता, तुरन्त सही है तो स्वीकृति करें अन्यथा अस्वीकृत करें अगर कोई संयुक्त आयुक्त मण्डल स्तर पर प्रबन्ध समिति के प्रस्ताव को लम्बित करता है तो उसकी प्रतिलिपि मुख्यालय भेजें। उस पर एक सप्ताह में कार्यवाही होगी। हर बैंक को वार्षिक सामान्य बैठक सामाजिक दूरी का पालन करते हुये करनी है।    जिला सहकारी बैंकों व समितियों में नाबार्ड की गाइड लाइन के अनुसार भर्ती होंगी। सभी सहकारी बैंक की प्रबन्ध समिति प्रस्ताव कराकर शासन को भेज दें।
    मेरठ जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष मनिन्दर पाल सिंह ने बताया कि वर्तमान में प्रबन्ध समिति का गठन ११ मई २०१८ को हुआ था।प्रबन्ध समिति व बैंक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अथक परिश्रम एवं ईमानदारी के कारण दोनों जिलों के किसान भाइयों का पूर्ण सहयोग रहा तथा वित्त पोषित चारों चीनी मिलों ने भी नियमित समय पर ऋण अदायगी के कारण जिला सहकारी बैंक मेरठ व बागपत ने सौ वर्षों में की गयी प्रगति के रिकार्ड को समाप्त करते हुये नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं।
    बैंक ने सौ वर्ष के कार्यकाल में 13.41 करोड़ के लाभ में था। दो वर्ष के कार्यकाल में 33.39 करोड़ के लाभ में हैं अर्थात दो वर्षों में 19.98 करोड़ की वृद्धि हुयी है।बैंक की निजी पूॅजी 31.मार्च तक 332.15 करोड़ थी जो दो वर्षों में 392.92 करोड़ हो गयी अर्थात निजी पूॅजी में 60.77 करोड़ की वृद्धि हुयी है।मनिन्दर पाल सिंह ने कहा कि बैंक की कार्यशील पॅूजी पहले 2056.60 करोड़ थी जो अब 2403.26 करोड़ हो गयी है। अर्थात 346.66 करोड़ की वृद्धि हुयी है।
    बैंक को प्रबन्धकीय व्यय पहले 2.03 प्रतिशत था जो अब 1.82 प्रतिशत हो गया है अर्थात 0.21 प्रतिशत की कमी आयी है। पहले फण्ड्स पर औसत लागत 4.58 प्रतिशत थी जो अब घटकर 4.28 प्रतिशत हो गयी है।

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