जेवर ब्लाक के औरंगाबाद, चाचली और धनसिया, दनकौर ब्लाक के बेलाखुर्द, दलेलपुर में एक नवंबर से लगेंगे शिविर
आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से शिविर की सूचना पहुंचायी जाएगी लाभार्थियों तक
नोएडा । प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान भारत) योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए एक बार फिर अभियान चलाया जाएगा। एक नवंबर से विशेष अभियान चलाकर उन गांवों में शिविर लगाया जाएगा, जहां एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना है। ऐसे गांवों की सूची तैयार कर ली गई है। जनपद में ऐसे पांच गांव हैं। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से लाभार्थियों तक शिविर की सूचना पहुंचायी जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. दीपक ओहरी ने बताया कोविड-१९ के कारण गोल्डन कार्ड बनाने का काम प्रभावित हुआ था । सभी लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनवाने हैं, ताकि सभी को लाभ मिल सके। नोएडा में पांच गांव ऐसे हैं जहां एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना है। अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) अमित मोहन प्रसाद ने सभी लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं।
योजना के नोडल अधिकारी डा. अजय कुमार ने बताया यह अभियान एक नवम्बर से चलाया जाएगा। अभियान के दौरान गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रोत्साहित करने पर १० रुपये प्रति कार्ड आशा कार्यकर्ता को भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया संबंधित गांवों की आशा कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों का ब्योरा उपलब्ध करा दिया गया है। जनपद में पांच ऐसे गांव हैं जहां एक भी गोल्डन कार्ड नहीं बना है। यह गांव जेवर ब्लाक के औरंगाबाद, चाचली और धनसिया, दनकौर ब्लाक के बेलाखुर्द, दलेलपुर हैं। इन गांवों में ८१ लाभार्थी हैं, जिनके कार्ड बनने हैं। विभाग की ओर से कुल 44 गांव गोल्डनकार्ड के लिए चिन्हित किये गये थे। अब केवल यह पांच गांव बचे हैं। उन्होंने बताया जनपद में 35000 लाभार्थी परिवार हैं जबकि कुल लाभार्थी 179000 हैं। योजना के अंतर्गत 41 अस्पताल संबद्ध हैं, इनमें पांच सरकारी और 36 निजी अस्पताल हैं।
कार्ड बनवाने के लिए देने होंगे 30 रुपये
आशा कार्यकर्ता प्रिटेंड डाटा के आधार पर गांव के लाभार्थी को सूचना देंगी। कॉमन सर्विस सेंटर के बीएलआई द्वारा एक नवम्बर को गांव में कैंप लगा कर कार्ड बनाये जाएंगे। लाभार्थी प्रति कार्ड 30 रुपये का शुल्क देकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं।
गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
गोल्डन कार्ड बनवाने के लिये लाभार्थियों के पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री का मूल पत्र (अगर प्राप्त हुआ है तो) होना जरूरी है।
गौरतलब है कि इस कार्ड के बन जाने से लोगों को पांच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज मिल सकता है। इसके तहत सैकड़ों बीमारियाँ कवर की जाती हैं। अब तक 8000 लोगों को इसके जरिये इलाज मिला है।
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