बिना देर किये करायें अपनी जांच
मेरठ। अगर अचानक किसी भी तरह की महक आना बंद जो जाय और किसी भी खाने की सामग्री में स्वाद न आये तो इसे हल्के में न लें। यह कोरोना का लक्षण भी हो सकता है। हाल फिलहाल ऐसे कई मरीजों में इस प्रकार के लक्षण पाये गये हैं, जिनमें खांसी, बुखार और सांस की तकलीफ न होकर स्वाद व महक के लक्षण दिखाई दिये हैं। चिकित्सकों की सलाह है कि ऐसे लोगों को बिना देर किये अपना टेस्ट कराना चाहिए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजकुमार का कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर देश-विदेश में काफी रिसर्च हो रही है। इसी के तहत नये लक्षणों के बारे में पता चलता है। उन्होंने बताया स्वाद और महक का न आना भी कोरोना का एक लक्षण हो सकता है। यह वायरस नर्वस सिस्टम पर अपना असर डालता है। इसकी वजह से स्वाद व महक वाले नर्वस तंत्र को नुकसान हो जाता है। बहुत कम मरीज स्वाद व महक के नुकसान की पहचान कर बीमारी का पता लगा पा रहे हैं। उन्होंने बताया स्वाद और महक न आने के लक्षणों को कोरोना के लक्षणों में शामिल किया जा सकता है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इसे कोरोना का लक्षण मान लिया है। इन दो लक्षणों के अलावा, बुखार, कफ, थकान, सांस लेने में दिक्कत, खांसी, मांसपेशियों में दर्द, नाक से पानी आना, दस्त आदि को कोरोना का लक्षण माना गया है।
मिल रहे हैं ऐसे लक्षण वाले लोग कोरोना के कई उपचाराधीनों में इन लक्षणों की पुष्टि हुई है, एक उपचाराधीन ने बताया उनको खांसी, बुखार या अन्य किसी तरह के कोई लक्षण नहीं थे। अचानक उनके सुंघने की शक्ति कम हो गयी, तेज खुशबू वाली कई चीजों को सूंघकर देखा, लेकिन महक नहीं आयी। यहां तक की पेट्रोल में भी महक नहीं आयी। जब उन्होंने टेस्ट करवाया तो वह पॉजिटिव आयी। इलाज कराने के बाद अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र राजेन्द्र नगर की प्रभारी डा. ऋचा गुप्ता ने बताया कि कोरोना जांच केन्द्र पर अभी तक 15 ऐसे मरीज आये हैं, जिसमें महक न आने के लक्षण थे। जबकि सात मरीजों में स्वाद न आने वाले लक्षण थे। डा. गुप्ता का कहना है कि अभी लोगों को इस लक्षण के बारे में इतनी जानकारी नहीं है, आमतौर पर लोग इसे कोरोना का लक्षण नहीं मानते हैं, इसके लिये विभाग की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। x
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