नई दिल्ली
। चीनी मोबाइल कंपनी वीवो इंडियन प्रीमियर लीग आईपीएल के अगले एडिशन में लीग स्पॉन्सर नहीं होगी। जून में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई भिड़ंत के बाद से ही कई लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने की बात कही थी। इसके अलावा आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने जब स्पॉन्सर रिटेन करने की बात कही थी, तो भी सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर विरोध जताया था।
 बता दें  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी चीनी मोबाइल कंपनी के स्पॉन्सर बने रहने पर सोमवार को विरोध जताया। इसके एक दिन बाद ही वीवो के स्पॉन्सरशिप से हटने की खबर सामने आई। आरएसएस-संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच -एसजेएम ने सोमवार को कहा था कि लोगों को टी-20 क्रिकेट लीग का बहिष्कार करने पर विचार करना चाहिए।
इससे पहले आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने आगामी एडिशन में भी चीनी मोबाइल कंपनी से स्पॉन्सरशिप करार बरकरार रखने का फैसला किया था जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने विरोध जताया। जून में लद्दाख में हुई झड़प के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने चीनी सामान का बहिष्कार करने की बात भी कही थी। बीसीसीआई ने तब करार की समीक्षा का वादा किया था लेकिन आईपीएल में भी इस कंपनी को बरकरार रखने का फैसला किया गया।
2199 करोड़ रुपये में हासिल किए थे अधिकार
वीवो इंडिया ने 2017 में आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार 2199 करोड़ रुपये में हासिल किए थे। इससे लीग को हर सीजन में उसे करीब 440 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। इस चीनी मोबाइल कंपनी ने सॉफ्ट ड्रिंक वाली दिग्गज कंपनी पेप्सिको को हटाया था, जिसकी 2016 में 396 करोड़ रुपये की डील थी।


No comments:

Post a Comment

Popular Posts