सकुशल धरती पर लौटै दोनो आंतरिक्ष यात्री 
नासा । स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल की लैंडिंग अमेरिकी शहर फ्लोरिडा के पेंसाकोला तट के पास मेक्सिको की खाड़ी में की गई। इस ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में एस्ट्रोनॉट्स रॉबर्ट बॉब बेनकेन  और डगलस हर्ली थे। नासा और स्पेसएक्स ने लैंडिंग के लिए सात समुद्री जगहों का चुनाव किया था। पेंसाकोला, टैंपा, टालाहैसी, पनामा सिटी, केप केनरेवल डेटोना और जैक्सनविले, ताकि इमरजेंसी में कहीं भी लैंडिंग कराई जा सके। 

लैंडिंग कहां करानी है यह इसका फैसला तब लिया जाता है जबे स्पेसक्राफ्ट वापस लौटने की तैयारी में रहता है। ड्रैगन के निकलने की तारीख, समय के अनुसार धरती पर लैंडिंग साइट्स की डिटेल और रास्ता उसे भेजा जाता है। साथ ही धरती के मौसम का भी ख्याल रखा जाता है। ताकि लैंडिंग के समय समुद्र में तूफान न आ रहा हो। बॉब बेनकेन और डगलस हर्ली को अंतराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से धरती पर आने में 19 घंटे की अंतरिक्ष में यात्रा करनी पड़ी।इस दौरान कई बार उन्होंने धरती की कक्षाएं बदलीं ताकि ड्रैगन सही रास्ते पर आ सके। धरती में की सबसे नजदीकी कक्षा में आने से ठीक पहले ड्रैगन का ट्रंक अंतरिक्ष में छोड़ दिया गया। इसके बाद धरती की ओर तेजी से बढऩे लगे। इसमें करीब 12 मिनट लगे। फिर होती धरती के एटमॉसफियर में आने की शुरुआत करीब 100 किलोमीटर ऊपर यहां पर स्पेसक्राफ्ट घर्षण की वजह से आग के गोले में बदल जाता है। लेकिन हीट शील्ड की वजह से एस्ट्रोनॉट्स ड्रैगन के अंदर सुरक्षित रहते हैं। यह करीब 6 मिनट तक चलता है।इस दौरान स्पेसक्राफ्ट से संपर्क नहीं हो पाता। ;
इसके बाद 645 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से नीचे आ रहे ड्रैगन के दो छोटे पैराशूट 18 हजार फीट की ऊंचाई पर खुलते हैं।जो उसकी गति को कम करके 177 किलोमीटर कर देते हैं। इसके बाद 6500 फीट पर ड्रैगन के चार बड़े पैराशूट खुलते हैं जो उसकी गति को करीब 35 किलोमीटर प्रतिघंटा कर देते हैं। यह गति पानी में लैंडिंग कराने के लिए बेहद उपयुक्त है।
बता दें जब ड्रैगन कैप्सूल धरती के वातावरण में आता है तब उसकी गति करीब 28,163 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है। कैप्सूल का बाहरी तापमान हो जाता है करीब 1926 डिग्री सेल्सियस।धरती के वातावरण को पार करने में करीब 6 मिनट का समय लगता है। ये समय बेहद महत्वपूर्ण और गंभीर होता है। पानी में गिरते ही दो रिकवरी शिप स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के लिए भेजे जाते हैं उनसे पहले पहुंचती हैं स्पीड बोट्स जो जाकर ड्रैगन कैप्सूल की हालत को देखती हैं। इसमें प्रशिक्षित रिकवरी एक्सपर्ट होते हैं। मेडिकल प्रोफेशनल्स होते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 45 मिनट से एक घंटा लगता है। रिकवरी शिप पर कैप्सूल को बांधकर उठाया जाता है। उसके बाद उसमें से एस्ट्रोनॉट्स को बाहर निकाला जाता है। उनकी मेडिकल जांच होती है। इसके बाद उन्हें स्पेस सूट निकालकर नासा का यूनिफॉर्म दिया जाता है ताकि वो स्पेस सूट के प्रेशर को कम कर सके। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की मदद से अपने दो एस्ट्रोनॉट्स की 45 साल बाद पानी में लैंडिंग कराई है। ये दोनों एस्ट्रोनॉट्स अंतराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से स्पेसएक्स  ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से लौट रहे थे। लैंडिंग फ्लोरिडा के पेंसाकोला के पास मेक्सिको की खाड़ी में कराई गई। 

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