्इतिहास में पहली अदा नहीं होंगी ईद की नमाज-पांच वक्त और जुमा की नमाज से अलग होती है ईद की नमाज-दो रकअत की नमाज में विशेष तौर पर पढ़ाई जाती है ६ तकबीर-नायब शहर काजी ने कहा: घर पर ही अदा करे शुक्राने की नमाजन्यूज प्रहरी, मेरठ। इस्लामिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि ईद-उल-फितर की नमाज नहीं पढ़ाई जाएगी। ईदगाह में विशेष तौर होने वाली यह ईद की नमाज पांच वक्त और जुमा की नमाज से अलग होती है। खास यह होता है कि ईद की नमाज इमाम की पीछे ही पढ़ी जाती है। क्योंकि दो रकअत की नमाज में ६ तकबीर होती है, जो सिर्फ इमाम ही पढ़ा सकता है। ईद की नमाज वाजिब होती है। अल्लाह ने रमजान और ईद का ईनाम जो अपने बंदों को दिया है, उसका शुक्रिया अदा किया जाता है। दो रकअत नमाज शुक्राने के तौर पर पढ़ी जाती है।
नायब शहर काजी जैनुल राशिद्दीन ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण यह निर्णय लिया गया है कि इस बार ईद की नमाज को नहीं पढ़ाया जाएगा। मेरठ के हालात चिंताजनक है, जिस कारण उनकी अपील है कि सभी मुस्लिम भाई ईद तो मनाए मगर अपने घरों में रहकर। ईद की नमाज घर पर अदा नहीं की जा सकती, क्योंकि यह नमाज अन्य नमाजों से अलग होती है। इसमें इमाम द्वारा ६ तकबीर पढ़ाई जाती है। तीन तकबीर पहली रकअत में और तीन तकबीर दूसरी रकअत में पढ़ाई जाती है। उन्होंने अपील की कि यह संकट का समय है, गुजर जाएगा। ईद के दिन रिश्तेदारों, दोस्तों से न मिले। वायरस से बचे। अपने घरों में रहे। ईद फिर भी आएगी। अपना और दूसरों का जीवन बचाए। ईद के दिन नए कपड़े पहनने से बचे और पुराने कपड़ों में ही ईद मनाए। इसके अलावा नायब शहर काजी ने कहा अलविदा जुमा की नमाज भी मुस्लिम अपने घरों में पढ़े।न करे ऐसा कोई काम, जो मुल्क के खिलाफ हो
शिया शाही जामा मस्जिद मनसबिया के इमाम मौलाना महजब आब्दी ने भी ईद को नमाज ईदगाह और मस्जिदों में पढऩे से मना किया है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है। हुकुमत ने मना किया है तो हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जो मुल्क के कानून के खिलाफ हो। अगर ईद की नमाज अदा की तो बीमारी फैलने का डर है। उनकी अपील है कि ईद-उल-फितर की नमाज को घर पर ही अदा किया जाए।ईद से पहले श्रमिकों को भेजा जाए घरआगामी २५ मई को ईद का पावन पर्व मनाया जाएगा। ईद कोरोना महामारी जैसे विपरीत समय में आयी है, ऐसे मे बहुत ही सतर्कता के साथ ईद मनायी जाएगी। इसके लिए नायब शहर काजी व भाजपा नेता नासिर सैफी ने प्रशासन को पत्र लिखा है। मांग की है कि इस्लामाबाद 200 से अधिक झारखंड के रहने वाले श्रमिक है, उनको सकुशल ईद से पहले जल्द से जल्द उनके घर भेजा जाए।मुस्लिम इलाकों में सफाई की मांग
मांग की कि मुस्लिम इलाकों मे साफ सफाई करायी जाए एवं सेनिटाईजर कराया जाए। फॉगिंग करायी जाए। नगर निगम द्वारा पानी की पूर्ति की व्यवस्था करायी जाए। खराब स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराया जाए। ईद के दिन बिजली की कटौती नहीं की जाए। कुछ क्षेत्रों मे सडक़ें, गलियां टूटी फूटी हुई हैं, उनको तत्काल बनवाया जाए। जिन जमातियों का क्वारंटाइन में समय पूरा हो गया हो उनको ईद से पहले घर पहुंचा दिया जाए।
्इतिहास में पहली अदा नहीं होंगी ईद की नमाज
By News Prahari -
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