टूटा वर्षो का रिकार्ड , न मंदिर में भक्त व श्रद्घा दिखाई दी 



न्यूज प्रहरी- बागपत।
भगवान भी सोच रहे थे कि कोई तो ढोल नगाड़ों के साथ आएगा लेकिन उन्हें क्या पता था कि बदनसीब है वो जो आज उनके कोई हाल-चाल जानने के लिए भी नहीं आया। पूरे विश्व में कहर बन कर टूट रहे कोरोना वायरस का खौफ मंदिरों पर दिखाई देना आरंभ हो गया है। श्रदालू का इतना ज्यादा खौफ है नवरात्रो के सप्तमी व अष्टïमी पर न तो भक्त दिखाए दे रहे है न ही भक्ति । 


जी हां हम बात कर रहे हैं। बागपत के सिंघावली अहीर क्षेत्र के ग्राम खिंदौड़ा की जहां पर आज वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है वह रिकॉर्ड ही नहीं टूटा बल्कि परंपराई टूट गई है। इस मंदिर की अपने आप में बहुत सारी मान्यताएं हैं जिसके लिए यहां हर वर्ष भक्त श्रद्धा और भक्ति के लिए आया करते थे। नवरात्रों के दिन सप्तमी और अष्टमी में भारी तादाद में लंबी.लंबी कतारें लगी होती थी कभी कभी भक्तों को लाइन में लगे सुबह से शाम हो जाती थी। लेकिन आज दुनिया में फैली इस कोरोना जैसी महामारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लॉक डाउन की अपील ने भक्तों के लिए भगवान के दरवाज़े ही बंद कर दिए। इस मंदिर में हर वर्ष एक भव्य मेला का आयोजन किया जाता था लेकिन इस बार ना तो यहां पर कोई मेले का आयोजन हुआ और ना ही भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई है इस बार यहां चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है ।

मंदिर की पूजारी ने बताया कि सुबह से अभी तक यहां पर पूजा करने या प्रसाद चढ़ाने के लिए कोई नहीं आया है। उन्होंने यह भी बताया कि मैं वर्षों से इस मंदिर की देखभाल कर रही हूं लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि यहां पर कोई भक्त सप्तमी और अष्टमी के दिन भगवान के दर्शन के लिए ना आया हो। यहां पर दूर.दराज से हर वर्ष हजारों भक्त मां दुर्गा के दर्शन के लिए आया करते थे और जब किसी भक्त की मूरादे पूरी हो जाती तो वह बड़े रूप में भंडारे का भी आयोजन किया करते थे लेकिन आज जब भक्त ही दर्शन के लिए नहीं आए तो भंडारे का आयोजन तो दूर की बात है।

बागपत से सोनम सैनी की रिपोर्ट-

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