दिहाड़ी मजदूरों के घरों में खाने का टोटा, गावों की पलायन  

न्यूज प्रहरी, मेरठ। देश में लॉकडाउन के दौरान लोगों की तादात बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि उनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं है और प्रशासन उनकी कुछ मदद भी नहीं कर रही है। इसके कारण वे घर की ओर जाने के लिए मजबूर हैं। रविवार की सुबह सहारनपुर में 1000 से अधिक लोग बस स्‍टेशन पहुंच गए। तो वहीं मेरठ और बिजनौर में भी भीड़ लगी रही।

विगत दिनों से देश भर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीएम ने लॉकडाउन की घोषणा की थी । साथ ही लोगों से अपील की थी कि वे घर से बाहर न निकलें लेकिन कुछ दिनों में ही प्रशासन की तैयारियों की पोल खुलने लगी लोग अपने कमरें से निकलकर अपने गांव शहर के लिए पैदल ही निकल गए। इस कठिनाई को देखते हुए प्रदेश सरकार ने कुछ बसों के चलने का आदेश दे दिया था। पर अब लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। सहारनपुर से लगभग 1000 से अधिक लोग पूर्वाचंल व बिहार के लिए बस अड्डे पर आ गए। लोग कैसे भी करके अपने घर तक पहुंचना चाहते हैं। पर डर इस बात का है कि कोरोना से बचाव के लिए किया गया यह लॉकडाउन कहीं एक प्रयास ही न बनकर रह जाए।

बस स्‍टेशन पर जमा हुए लोग

सहारनपुर के अलावां यहा मेरठ में भी लोगों के आने जाने का सिलसिला जारी है। लोगों को कोराना से डर नहीं लग रहा बस वे कैसे भी करके अपने घर तक पहुंचना चाहते है। हालाकि प्रशासन बार बार उन्‍हें बस स्‍टेशन से जाने की चेतावनी दे रहा है। लेकिन लोगों की भीड बढ़ती ही जा रही है।लॉकडाउन के दौरान प्रशासन की तैयारियां फेल होती नजर आ रहीं है। लोगों का कहना है कि उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं। इस वजह से उनकों अपने घरों की ओर जाना पड़ रहा है। हालाकि प्रशासन इनके खाने के इंतजाम में लगी हुर्इ है पर लोगों के मनमाने रवैए से भी प्रशासन की व्‍यवस्‍थाएं ध्‍वस्‍त होती हुई नजर आ रही है।

बिजनौर पहुंचे पश्चिम बंगाल के तीन मजदूर

गाजियाबाद से गजरौला होते हुए पैदल चलकर अपने एक क्षेत्रीय साथी के साथ हीमपुर दीपा पहुंचे पश्चिम बंगाल के निवासी तीन मजदूर। क्षेत्रीय साथी गाजियाबाद में वेल्डिंग का काम करने वाले मजदूरों को गांव पुट्ठा में केवल खाना खाने पर ही मजदूरी के लिए लाया है। इन मजदूरों का कहना है कि मैं 2 दिन से भूखे हैं।

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