देशभर में पेट्रोल -डीजल की बिक्री आई 90 प्रतिशत गिरावट 

➥क्रूड ऑयल सस्ता होने के बाद भी नहीं मिल रहे खरीददार

न्यूज प्रहरी दिल्ली। कोरोना वायरस ने अभी जिस तरह से दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का चक्का जाम किया है उससे पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में भारी कमी होती दिख रही है। कुछ महीने पहले इंटरनेशनल एनर्जी फोरम ने वर्ष 2020 के बाद दुनिया में कू्रड खपत का अनुमान जारी करते हुए कहा था कि वर्ष 2040 तक इसकी मांग बढ़ती रहेगी। पेट्रोलियम उत्पादों के तीन सबसे बड़े उपभोक्ता देश अमेरिका, चीन व भारत में से भारत में पूरी तरह से लॉकडाउन है। अमेरिका के आधे से ज्यादा उद्योग व ट्रांसपोर्ट बंद हैं जबकि चीन के भी कई प्रांतों में स्थिति अभी सामान्य नहीं हुई है। यही वजह है कि पिछले पांच हफ्तों में कू्रड की कीमत 65 डॉलर से घटकर 26 डॉलर प्रति बैरल आ जाने के बावजूद इसके खरीददार नहीं मिल रहे।
देश में पेट्रोल व डीजल की खपत में 50 फ ीसद से ज्यादा की कमी आ चुकी है। देश की अधिकांश रिफाइनरियों के कू्रड भंडार पूरी तरह से भरे हुए हैं। जबकि मांग नहीं होने की वजह से देश की अधिकांश रिफाइनरियों में या तो उत्पादन बंद कर दिया गया है या फिर वे अपनी क्षमता का बहुत ही कम उत्पादन कर रही हैं। देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछले बुधवार तक कंपनी ने उत्पादन में 30 फीसद कटौती कर दी थी।
पेट्रोल, डीजल, बिटूमिन व अन्य औद्योगिक उत्पादों की खुदरा बिक्री तब तक 50 फ ीसद कम हो चुकी थी। रेलवे व एविएशन सेक्टर से आने वाली मांग भी नगण्य है। ऐसे में पहले से जो क्रूड खरीद समझौते हुए हैं वे मांग को पूरा करने के लिए काफ ी हैं। बहरहाल, एलपीजी की मांग बढ़ रही है और उसकी निर्बाध आपूर्ति की जा रही है।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड बीपीसीएल के चेयरमैन मुकेश कुमार ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से भविष्य की मांग को देखते हुए हमने अपने उत्पादन को नियंत्रित करना शुरू कर दिया है क्योंकि पेट्रोलियम उत्पादों को रिजर्व करके रखना एक संवेदनशील काम है। हम भी उसी के हिसाब से रिफ ाइनरियों में प्रोडक्शन घटा रहे हैं। जबकि देश के 68 हजार पेट्रोल पंपों के एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अजय बंसल का कहना है कि पिछले 15 दिनों में पेट्रोल व डीजल की बिक्री 95 फीसद कम हो चुकी है।
बंसल भारत सरकार की एक पुरानी रिपोर्ट के हवाले से बताते हैं कि 70 फीसद डीजल व 99 फीसद पेट्रोल ट्रांसपोर्ट सेक्टर में इस्तेमाल होता है। रोड पर वाहनों की संख्या देखने से साफ हो जाता है कि बिक्री में 95 फीसद कमी होने का उनका दावा सच के करीब है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने कहा है कि तीन अरब लोगों ने सड़कों पर निकलना बंद कर दिया है जिससे दो करोड़ बैरल कच्चे तेल की मांग कम हो गई है। अगर कोरोना की वजह से औद्योगिक उत्पादन ज्यादा दिनों तक ठप रहता है तो पिछले तीन महीनों में अंतररष्ट्रीय बाजार में क्रूड की जो खरीदारी की गई है उससे ही अगले एक वर्ष तक की मांग पूरी की जा सकती है।

बढ़ रही एलपीजी की मांग, सरकार मुस्तैद

पेट्रोल व डीजल की बिक्री कम होने के बावजूद देश में एलपीजी की मांग बढ़ रही है। आने वाले दिनों में एलपीजी की मांग बढऩे की संभावना को देखते हुए पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अजीज व सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरैमको के प्रेसिडेंट अमीन नासिर से बात की।प्रधान ने बताया कि सऊदी अरब ने आश्वस्त किया है कि वह भारत की घरेलू मांग के मुताबिक एलपीजी की आपूर्ति करता रहेगा। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने बताया है कि सरकारी क्षेत्र की तेल कंपनियां रसोई गैस की मांग को पूरा करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। एचपीसीएल के चेयरमैन मुकेश कुमार सुराना के मुताबिक लोगों में दो-तीन सिलेंडर रिजर्व में रखने का प्रचलन देखा जा रहा है जिससे मांग बढ़ गई है।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts