न्यूज़ प्रहरी 24X7 |मुजफ्फरनगर। पोषण अभियान के अंतर्गत बघरा ब्लॉक में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें जिलाधिकारी सेल्वाकुमारी जे ने शिरकत कर ग्रामीण महिलाओं को पोषण संबधी जानकारी दी। डीएम ने जागरूक करने वाले विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और उपस्थित लोगों को पोषण की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि पोषण पखवारा एक कार्यक्रम न होकर जन आदोलन है। जिसमें जन-जन का सहयोग आवश्यक है। पंचायत प्रतिनिधियों, स्कूल प्रबंधन समितिया, सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों व तमाम सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की समावेशी भागीदारी भी अपेक्षित है। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के मद्देनजर सरकार ने महत्वाकाक्षी अभियान चलाया है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एएनएम, सेविका सहायिका, महिला पर्यवेक्षिका सभी सीडीपीओ व सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहे।
डीएम ने आंगनावाड़ी कार्यकत्रियों एवं ग्रामीण महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में उनका दायित्व महत्त्वपूर्ण है। सरकार की प्राथमिकता है कि सभी गांवों को कुपोषण से मुक्त किया जाए। इसके लिए विभिन्न विभागों का सहयोग लेकर गांवों को अधिकारियों द्वारा गोद लेकर पोषण से मुक्त कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जाता है। जहां गर्भवती महिलाओं, कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए लाभ दिया जा रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने कहा कि पोषण पखवारा के तहत किशोरियों, गर्भवती व बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत विभिन्न कार्यक्त्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत वर्ष 2022 तक कुपोषण की दर में 6 और एनीमिया में 9 फीसद कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत लोगों को कुपोषण के प्रति जागरूक करना है। बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल, भोजन, लड़कियों की शिक्षा सहित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर जन-जागरूकता को अंजाम देना है। कुपोषण को दूर करने के लिए जमीनी स्तर पर समर्पण के साथ कार्य करने की जरूरत है। सभी मिलजुल कर पोषण को लेकर अलख जगाएं और कुपोषण को दूर भगाएं।
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