दादी-दादा ने भी पहली बार देखा ऐसा नजारा

➧देश में न लडाई, न दंगा फिर भी लगा दिया कर्फ्यू 

न्यूज़ प्रहरी टीम, बुलंदशहर  : देश में कोरोना वायरस को लेकर फैली महामारी को लेकर जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन जैसी हालत युवाओं के लिए ही नही 80-90 दशक गुजार चुके बुजुर्गों के लिए भी नया अनुभव है। उन्होने बताया न जंग, न दंगा, फिर भी कर्फ्यू जैसे हालात जनता कर्फ्यू का कस्बा वासियों ने पूरा समर्थन किया। लेकिन लॉकडाउन को लेकर युवा सहित अन्य लोग थोडे लापरवाह होकर गए है। इसकों लेकर बुजुर्गों ने उन्हें घर से बाहर न निकलने की नसीहत दी है। वही हमउम्र साथियों को भी घर रहने की सलाह भी दी है। लॉकडाउन के समपूर्ण समर्थन से ही देश में फैली महामारी से लडा जा सकता है। लॉकडाउन के दौरान हमारें द्वारा की गई थोडी लापरवाही भी भारी पड सकती है।
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पहले कभी जनता का इतना समर्थन नही
आस्सी वर्षीय वृद्ध दादी भूदा देवी बताती हैं, उन्होने ने जनता कर्फ्यू सहित लॉकडाउन अपनी जिंदगी में पहली बार देखा है। इसके साथ बडी बात यह भी है, उन्होने जनता कर्फ्यू सहित लॉकडाउन में जनता का समर्थन देखकर दंग रह गई हैं। उसी दौरान उन्होने बताया कि दंगा सहित लडाई के दौरान निकवर्ती जनपद अलीगढ में कर्फ्यू सुना जरुर था। लेकिन अब उन्होने देख लिया है। यह कर्फ्यू उनकी जिंदगी में पहली बार हुआ है।
भूदा देवी निवासी जयरामपुर, छतारी
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लॉकडाउन को सफल बनाने की अपील
उत्तर-प्रदेश पुलिस से रिटारर्ड सिपाई बताते हैं, हिंदुस्तान के आजाद होने के बाद कई ऐसे मौके आए, जब शहर में कर्फ्यू लगा। मगर जनता कर्फ्यू ज्यादा प्रभावशाली नगर आया। वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद के दंगे हो या अलीगढ में समय-समय भडकी हिंसा, तब पुलि-प्रशासन की सख्ती की थी। तक कही जाकर कर्फ्यू प्रभावी रुप से लागू हो पाया था। लेकिन जनता कर्फ्यू अभूतपूर्व था। उन्होने अपनी जिंदगी में बिना लडाई दंगे के जनता कर्फ्यू लगते हुए पहली बार देखा है। लॉकडाउन को भी लोगों को सफल बनाना चाहिए। तभी कोरोना वायरस से जंग जीती जा सकती है।
अमर सिंह शर्मा निवासी धौरऊ, छतारी

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