जनपद में मिले टीबी के 101 नये मरीज

2816 लोगों के बलगम के सैम्पल की गयी जांच

 

बुलंदशहर, 13 मार्च 2020 । जनपद में 17 से 29 फरवरी तक चलाए गए टीबी रोगी खोज अभियान में 101 मरीज नये मिले हैं। इन मरीजों का इलाज शुरू हो चुका है। नि: क्षय पोषण योजना के तहत दी जाने वाली रकम 500 रुपये के लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। इसके लिए उनके बैंक अकाउंट और आधार कार्ड का ब्योरा ले लिया गया है। शीघ्र ही धनराशि उनके खाते में भेजी जाएगी। 

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. एमके गुप्ता ने बताया जनपद में टीबी रोगी खोज अभियान के तहत 3.48 लाख मरीजों की जांच की गयी। इस दौरान 2816 लोगों के बलगम के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए। जांच में कुल 101 लोगों में टीबी रोग होने की पुष्टि हुई । टीबी विभाग की ओर से नए मरीजों का उपचार शुरू कर दिया गया है। डा. गुप्ता ने बताया जनपद में 17 से 29 फरवरी तक चलाए गए टीबी रोगी खोज अभियान को सफल बनाने के लिए 150 टीमों को लगाया गया था। इसमें 30 सुपरवाइजर व 15 नोडल अधिकारी शामिल थे। अभियान के दौरान एचआईवी व मधुमेह की भी जांच करायी गयी। जनपद में अभियान के तहत 38 स्वास्थ्य केन्द्रों व तीन इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) में मरीजों की जांच पड़ताल की गयी।

उन्होंने बताया शुरुआत में इलाज न होने पर एक टीबी मरीज 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर देता है। सबसे खतरनाक स्थिति तो तब होती है जब मरीज को पता ही न हो कि उसे टीबी है। उसके कारण अन्य लोग भी उसकी चपेट में आ जाते हैं। टीबी रोगी खोज अभियान में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज सामने आये हैं, जिन्होंने उपचार बीच में छोड़ दिया था। ऐसे मरीजों को टीबी चैम्पियन  के माध्यम से जागरूक किया गया।

डा. गुप्ता ने बताया  टीबी एक गंभीर, संक्रामक और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है। इलाज न होने पर यह घातक साबित हो सकती है। डॉट्स केन्द्रों और सरकारी अस्पतालों में इसकी दवा नि:शुल्क मिलती है।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया जनपद में वर्ष 2017 में 6718 में से 5120, वर्ष 2018 में 7901 में से 6438, वर्ष 2019 में 8886 में से 7534 मरीज समय पर उपचार दिए जाने से टीबी मुक्त हुए हैं। जिला अस्पताल से लेकर हर सरकारी चिकित्सालयों में टीबी के नि:शुल्क परीक्षण व उपचार की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया साधारण टीबी की बीमारी 6 माह के कोर्स से, मल्टी ड्रग्स रजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी 9 से 11 माह के कोर्स से व एक्सडीआर टीबी 18 से 20  माह के कोर्स से ठीक हो जाती है। मर्ज को छिपाना नहीं चाहिए, उसका इलाज कराना चाहिए।

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