आईपीएस पूरन कुमार सुसाइड केस
रोहतक एसपी बिजराणिया हटाए गए, भौरिया को मिली कमान
परिवार ने पोस्टमार्टम का विरोध किया, क्षेत्र में तनाव
चंडीगढ़ (एजेंसी)।हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन सिंह की आत्महत्या मामले में हरियाणा सरकार ने शनिवार को बड़ा एक्शन लिया। रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजराणिया को हटा दिया गया। इस मामले में डीजीपी शत्रुजीत कपूर समेत जिन 14 अफसरों पर पूरन कुमार को प्रताड़ित करने के आरोप हैं उनमें बिजराणिया का भी नाम है। बिजराणिया की जगह रोहतक में आईपीएस सुरेंद्र सिंह भौरिया को एसपी लगाया गया है। इस संबंध में राज्यपाल की ओर से आदेश जारी किए गए। बिजारणिया को अभी कहीं भी पोस्टिंग नहीं दी गई है।
इससे पहले आईपीएस पूरन कुमार के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए पीजीआई ले जाया गया। इस पर परिवार ने विराेध जताया। उनका कहना था कि उनकी सहमति के बगैर पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए लेकर गई। वे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होने पर ही पोस्टमार्टम होने देंगे। इस पर चंडीगढ़ के पुलिस अधिकारियों का कहना है आईपीएस के परिवार की सहमति के बाद ही पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, वाई पूरन कुमार के शव को पहले सेक्टर 16 मोर्चरी में रखा गया था और अब उन्हें पोस्टमार्टम के लिए पीजीआई ले जाया गया है।
गौरतलब है कि आईपीएस वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। घर से मिले सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने अपनी मौत के लिए हरियाणा के कई वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। आत्महत्या करने के चार दिन बाद भी परिवार ने उनके शव का पोस्टमार्टम करवाने की सहमति नहीं दी है। पूरन की पत्नी आईएएस अफसर अमनीत पी कुमार की शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली, लेकिन परिवार का आरोप है आरोपितों को जानबूझ कर बचाया जा रहा है।
शनिवार सुबह पूरन कुमार के शव को पीजीआइ पहुंचाया गया, लेकिन वहां परिवार ने पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी ने शनिवार सुबह अमनीत पी कुमार से मुलाकात भी की थी।
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