GST में बड़ा सुधार: सरकार लाएगी दो स्लैब वाला नया ढांचा, आम उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने टैक्स प्रणाली में आमूलचूल बदलाव की ओर कदम बढ़ाते हुए एक नया जीएसटी ढांचा प्रस्तावित किया है। वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव के तहत वर्तमान में लागू चार टैक्स स्लैब — 5%, 12%, 18% और 28% — को घटाकर दो प्रमुख स्लैब में बदला जाएगा। इनमें एक ‘मेरिट स्लैब’ और एक ‘स्टैंडर्ड स्लैब’ होगा। इसके अतिरिक्त कुछ खास वस्तुओं पर विशेष दरें लागू की जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से अपने संबोधन में इस सुधार की घोषणा करते हुए कहा कि दीवाली तक इसे लागू कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इसे देश की अर्थव्यवस्था और आम जनता दोनों के लिए ‘ऐतिहासिक कदम’ बताया। उन्होंने कहा कि इससे छोटे कारोबारियों और उपभोक्ताओं दोनों को सीधा लाभ मिलेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सितंबर में GST काउंसिल की बैठक होगी, जिसमें इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मंत्रालय का कहना है कि कंपन्सेशन सेस की समाप्ति से टैक्स संरचना को सरल और स्थिर बनाना अब संभव हो गया है। इससे जरूरी वस्तुओं पर टैक्स कम होगा और जनता को राहत मिलेगी।

एमएसएमई, स्टार्टअप और कारोबार को मिलेगा नया बल

यह नया GST ढांचा इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की समस्या का समाधान करेगा, जिससे वस्तुओं पर गलत टैक्स दरों के कारण होने वाली उलझनों से मुक्ति मिलेगी। टैक्स वर्गीकरण से जुड़े विवाद भी कम होंगे और बिजनेस प्लानिंग अधिक आसान होगी।

एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, प्री-फिल्ड रिटर्न, और ऑटोमेटेड रिफंड प्रक्रिया जैसी डिजिटल सुविधाएं शुरू की जाएंगी, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी। मंत्रालय का मानना है कि ये सुधार न केवल कारोबारी माहौल को बेहतर बनाएंगे, बल्कि देश की प्रतिस्पर्धा शक्ति को भी बढ़ाएंगे।

आर्थिक विकास को नई रफ्तार, टैक्स रेवेन्यू में उछाल

सरकार के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में GST संग्रह में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और यह 22.08 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक आंकड़े तक पहुंच गया है। मंत्रालय को उम्मीद है कि नए सुधारों के लागू होने से खपत में वृद्धि, औपचारिक अर्थव्यवस्था का विस्तार, और नौकरियों के नए अवसर सृजित होंगे।

सरकार का मानना है कि यह सुधार न सिर्फ राजस्व बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि आम जनता और छोटे व्यवसायियों को राहत देकर भारत की आर्थिक प्रगति को नई दिशा देगा।

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