दिल्ली में स्ट्रीट डॉग्स को शेल्टर भेजने के खिलाफ शामली में विरोध, पशु प्रेमियों का पैदल मार्च
शामली। दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में शिफ्ट किए जाने की कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश के शामली जनपद में पशु प्रेमियों का गुस्सा फूट पड़ा। शहर में दर्जनों युवक, युवतियां और बच्चे सड़कों पर उतर आए और हाथों में स्लोगन वाली तख्तियां लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध मार्च निकाला।
यह विरोध प्रदर्शन शहर कोतवाली क्षेत्र के हनुमान धाम स्थित अग्रसेन बारात घर से शुरू हुआ, जहां पशु प्रेमी एकत्र हुए और दिल्ली सरकार व सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद की। विरोध मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कुत्ता इंसान का सबसे वफादार मित्र है, जिसे समाज से अलग करना एक अमानवीय निर्णय है।
प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को भी इस निर्णय के लिए जिम्मेदार ठहराया। उनका आरोप है कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद दिल्ली में डॉग बाइट की घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया और कुत्तों को खलनायक बना दिया गया, जबकि इसके पीछे मूल कारण जनसंख्या नियंत्रण और टीकाकरण की कमी है।
प्रदर्शन में शामिल पशु प्रेमियों ने कहा कि दिल्ली में 5 से 10 लाख स्ट्रीट डॉग्स हैं, जिन्हें रखने के लिए लगभग 2000 शेल्टर होम की जरूरत होगी, जबकि वर्तमान में एक भी शेल्टर पूरी तरह तैयार नहीं है। ऐसे में इस फैसले का क्रियान्वयन अव्यवहारिक और बेजुबानों के लिए घातक साबित होगा।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि दिल्ली सरकार कुत्तों को शेल्टर होम भेजने की बजाय उन्हें रेबीज के टीके लगवाकर जनसंख्या नियंत्रण की योजना बनाए। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निर्णय वापस नहीं लिया गया तो आगे और बड़े स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे।
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