- 69 हजार शिक्षक भर्ती मामला
अभ्यर्थियों ने घेरा डिप्टी सीएम का आवासबोले- केशव चाचा न्याय करो
लखनऊ (एजेंसी)।राजधानी लखनऊ में मंगलवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का आवास घेरकर नारेबाजी की। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने से अभ्यर्थी नाराज हैं। इसको लेकर वह डिप्टी सीएम के आवास के सामने धरने पर बैठ गए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। इस दौरान अभ्यर्थी 'केशव चाचा न्याय करो...' जैसे नारे लगाते रहे।
प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों ने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में अनियमितता हुई है। इस कारण आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित रह गए। मामले की हाईकोर्ट में लंबी सुनवाई हुई। फैसला उनके पक्ष में आया। लेकिन, सरकार की लापरवाही के कारण उसका पालन नहीं हो सका। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी पक्ष रखने से पीछे हट रही है।
प्रदर्शन की सूचना पर पहले ही पुलिस पहुंच गई थी। अभ्यर्थियों को केशव प्रसाद मौर्य के आवास से पहले ही रोक लिया गया। इस दौरान पुलिस से नोकझोंक भी हुई। अभ्यर्थी बोले कि उन दलितों पर सरकार न्याय करे और उन्हें कीड़े-मकोड़े न समझा जाए। अभ्यर्थियों ने कहा- 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला किया गया।
प्रदर्शन में शामिल अमित कुमार मौर्य ने कहा कि केशव प्रसाद मौर्य हमारे समाज के हैं। हम उनके दरवाजे पर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट में 22 से ज्यादा बार डेट लग गई है। मगर सरकार शामिल नहीं हो रही है। सरकार पहली पार्टी है और हम थर्ड पार्टी हैं। उसके बाद भी हमारी कोई पैरवी नहीं कर रही है। 1 साल हो गया सुप्रीम कोर्ट में मामला गए। 5 साल से हम सड़कों पर भटक रहे हैं। सरकार नहीं चाहती है कि दलित-पिछड़े लोग नौकरी पाएं।
अमित ने कहा- 20 से अधिक बार केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर हमें घसीटा गया है। हम उनके समाज से आते हैं मगर आज तक इन्होंने ने हमें न्याय नहीं दिलाया। हम लोगों ने भाजपा को वोट दिया है। हमारी क्या गलती है? वोट देने के लिए हम लोग हिंदू हो जाते हैं और नौकरी के लिए पिछड़े-दलित हो जाते हैं। हमको कूड़े में फेंक दिया जाता है। कीड़ा-मकोड़ा समझा जाता है।
धान-गेहूं बेचकर हम लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और अब सरकार साथ नहीं दे रही है। 22 तारीखों में एक बार भी सरकार का अधिवक्ता नहीं पहुंचा। हम लोग कब तक सड़कों पर घसीटे जाएंगे। हमारा भी आत्मसम्मान है। हम लोगों को हिंदू के नाम पर बहकाया जाता है। हम भी मौर्य समाज से हैं हमारी लड़ाई कब लड़ेंगे केशव प्रसाद मौर्य? वह चुप्पी मारकर बैठे हैं।
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