सीतापुर के प्राथमिक व उच्च विद्यालयों की 21 अगस्त तक स्थिति यथावत रहेगी 

हाईकोर्ट ने विलय प्रकियों में दिया आदेश ,17 बच्चों ने कोर्ट दाखिल की थी याचिका 

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया पर 21 अगस्त तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने यह निर्देश गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद जारी किया।

खंडपीठ ने साफ किया कि यह आदेश अंतरिम प्रकृति का है और इससे सरकार की विलय नीति की वैधता या उसके अमल की मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनी रहेगी और सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे पर याचियों को जवाब देने का समय भी दिया गया है।

याचिकाएं बच्चों की ओर से दाखिल

यह विशेष अपीलें सीतापुर के 22 बच्चों (पहली याचिका में 5 और दूसरी में 17 बच्चों) की ओर से उनके अभिभावकों द्वारा दाखिल की गई हैं। याचिकाओं में एकल पीठ द्वारा 7 जुलाई को दिए गए आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें स्कूलों के विलय को वैध ठहराते हुए याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं।

याचियों की दलील: वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. एल.पी. मिश्र और अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने कहा कि सरकार का यह कदम मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार कानून (Right to Education Act) का उल्लंघन है। विलय से बच्चों को दूर-दराज स्कूलों तक जाना पड़ेगा, जिससे खासकर छोटे बच्चों को परेशानी होगी।

सरकार का पक्ष

राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया और मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेन्द्र कुमार सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि स्कूलों का विलय संसाधनों के बेहतर उपयोग और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से किया जा रहा है। सरकार ने ऐसे 18 स्कूलों का उदाहरण दिया जिनमें एक भी छात्र नहीं है।

सरकार की दलील थी कि इन स्कूलों को नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज कर शिक्षकों और अन्य सुविधाओं का प्रभावी इस्तेमाल किया जाएगा। यह बच्चों के हित में उठाया गया कदम है।

सुनवाई के दौरान सामने आईं अनियमितताएं

कोर्ट के समक्ष पेश हुए विलय से जुड़े दस्तावेजों में कुछ अनियमितताएं पाई गईं, जिसके आधार पर राज्य सरकार ने स्पष्टीकरण देने के लिए समय मांगा। इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने 21 अगस्त को अगली सुनवाई तय करते हुए सीतापुर के स्कूलों में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।

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