मेरठ कॉलेज के नेतृत्व में हुई अनुदानित महाविद्यालयों के प्रबंध तंत्र की बैठक

चुनाव में पर्यवेक्षकों के अधिकार क्षेत्र हों परिभाषित 

मेरठ।  रविवार को शाम 4:00 बजे मेरठ कॉलेज के ऐतिहासिक कमेटी हॉल में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के प्रबंध तंत्र की एक आवश्यक बैठक विवेक कुमार गर्ग की अध्यक्षता में संपन्न हुई।बैठक फोरम आफ ऐडेड कॉलेज फॉर हायर एजुकेशन, उत्तर प्रदेश के बैनर तले संपन्न हुई। 

इस बैठक में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबंध 16 डिग्री कॉलेजों के प्रबंध तंत्र ने भाग लिया। उल्लेखनीय है कि इस फोरम की स्थापना मेरठ कॉलेज के नेतृत्व में ही हुई थी और इस के अध्यक्ष मेरठ कॉलेज के  विवेक कुमार गर्ग एवं सचिव, जैन स्थानकवासी गर्ल्स कॉलेज, बड़ौत के डॉक्टर अमित राय जैन सर्वसम्मति से चुने गए थे। सभा की अध्यक्षता करते हुए फोरम के अध्यक्ष  विवेक कुमार गर्ग ने बताया कि इस फोरम का पंजीकरण हो चुका है और इसकी गतिविधियां चलाने के लिए बैंक अकाउंट एवं पैन नंबर भी मिल चुका है।

 बैठक का प्रमुख उद्देश्य नई शिक्षा नीति 2020 एवं अनुदानित महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र की चुनाव प्रक्रिया पर केंद्रित था। एन ए एस कॉलेज के श्री राजेंद्र शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सभी अनुदानित महाविद्यालयों की समस्याएं एक जैसी है अतः हम सबको मिलकर इस फोरम को मजबूत बनाना होगा। डीएन कॉलेज मेरठ से पधारे श्री संजीवेश्वर त्यागी ने सभा को सूचित किया कि विश्वविद्यालय और शासन तभी इस फोरम की बात सुनेगा जब उनमें एकता का बाल होगा। कनोहर लाल कॉलेज के श्री दिनेश सिंघल ने सभा में कहा कि अनुदानित महाविद्यालय का चुनाव जब संबंधित संस्था करवाती है तो उसमें विश्वविद्यालय के कुलपति को अप्रूवल का अधिकार क्यों है। रजिस्ट्रार के अनुमति पत्र को ही पूर्ण आधिकारिक मानना चाहिए। रासना कॉलेज की  प्रदीप त्यागी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अभी यह संगठन अपनी शुरुआती चरण में है अतः अभी हमें इसको लगातार मजबूत करने की आवश्यकता है। एस एस वी कॉलेज हापुर के श्री अमित अग्रवाल ने कॉलेज के प्रबंध तंत्र की चुनावी प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस चुनाव में विश्वविद्यालय ऑब्जर्वर ना ही लगाए तो अच्छा है क्योंकि विभिन्न कॉलेज या विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं प्राचार्य को पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया जाता है जो राजनीति का हिस्सा बन जाते हैं और चुनाव प्रणाली पर उसका बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पर्यवेक्षक के अधिकार क्षेत्र परिभाषित होने चाहिए। एनआरईसी कॉलेज खुर्जा के डॉक्टर केडी शर्मा ने धैर्य एवं संयम रखना पर बल दिया ताकि संगठन धीरे-धीरे मजबूत हो सके। डी ए वी कॉलेज बुलंदशहर के श्री अरुण गर्ग ने नई राष्ट्रीय नीति पर चर्चा करते हुए कहा की महाविद्यालयों में अध्ययन अध्यापन का कार्य पीछे रह गया है और नई शिक्षा नीति के कारण प्रैक्टिकल एवं परीक्षा ही परीक्षाओं की अधिकता है। जनता वैदिक कॉलेज, बड़ौत के श्री वीरेंद्र पाल सिंह ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अध्ययन पर बल देते हुए कहा कि हमें अन्य प्रदेशों के उच्च शिक्षा के मॉडल का अध्ययन करना होगा और उसी के उपरांत हम उसे उत्तर प्रदेश में किस प्रकार से बेहतर तरीके से लागू कर सकते हैं, इसकी योजना सरकार को बताएंगे। फोरम के अध्यक्ष श्री विवेक कुमार गर्ग ने अपने भाषण में बताया कि यह फोरम सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किया जा रहे सुधारों की निगरानी और उत्तरदायित्व का अध्ययन करेगा। यह फोरम विभिन्न राज्यों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं से शैक्षिक मॉडलों का अध्ययन करेगा और सरकार को इसका प्रत्यावेदन देगा। उन्होंने आगे कहा  कि यह फोरम नीतिगत अध्ययन और उच्च शिक्षा के विभिन्न स्टेक होल्डरों के बीच संवाद बढ़ाने के लिए एक मंच का कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि इस मंच के तहत एक शिक्षा शासन शोध प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी जो कि उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक नॉलेज पार्टनर के रूप में अपना योगदान देगा। फोरम की इस सभा में माछरा डिग्री कॉलेज के सचिव श्री अमित कुमार त्यागी, आर्य कन्या महाविद्यालय हापुड़ के श्री अनिल कुमार गुप्ता, किसान पीजी कॉलेज सिम्भावली के श्री संदीप सिंह, जेएस कॉलेज, सिकंदराबाद के श्री नितिन भटनागर, दिगंबर जैन कॉलेज के श्री धनेंद्र जैन, एमएम कॉलेज खेकड़ा के श्री नरेंद्र कुमार शर्मा एवं गांधी विद्या निकेतन रमाला के श्री ओमपाल सिंह ने विशेष रूप से भाग लिया। इस सभा में यह भी निर्णय लिया गया कि जेएस कॉलेज सिकंदराबाद के श्री नितिन भटनागर फोरम के सदस्यता शुल्क समन्वयक रहेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री जितेंद्र कुमार एवं श्री शुभम ने विशेष योगदान दिया।

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