एक ही फसल चक्र अपनाने से बढ़तींहै फसलों में कीट और व्याधियां: डॉ. सुनील कुमार

  वैज्ञानिकों ने 36 हजार किसानों से किया संवाद 

मेरठ। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान, केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान व केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम द्वारा बुधवार को अभियान की प्रगति मीडिया के साथ साझा करने के उद्देश्य से एक संयुक्त प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। 

कृषि प्रणाली संस्थान के निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि गत 29 मई से प्रारंभ हुई विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत संस्थान ने मेरठ और मुजफ्फरनगर जनपदों के 50 से अधिक ब्लॉक के, 255 से गांवों के किसानों से सीधे संपर्क किया। संस्थान ने वैज्ञानिकों की 12 टीमों को किसानों के द्वार पर भेजा और वैज्ञानिकों ने लगभग 36000 से अधिक किसानों से संवाद किया। उन्हें खेती की नई-नई तकनीकों से अवगत कराया और उनकी समस्याओं को भी सुना। संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को फसलोत्पादन व समेकित कृषि प्रणाली व भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। बताया कि खेतों में नत्रजन उर्वरकों जैसे यूरिया का अत्यधिक उपयोग, एक ही तरह के फसल चक्र अपनाने के कारण फसलों में कीट और व्याधियों का अत्यधिक प्रकोप हो रहा है। साथ ही केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम, मेरठ कैंपस के अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह ने अभियान के बारे में बताया कि वैज्ञानिकों ने जिला संभल  एवं मुरादाबाद जनपदों में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस दौरान दोनों जनपदों में कुल 2 टीमों ने प्रतिदिन 9 कार्यक्रमों में भाग लिया है। 

केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान,  के निदेशक डॉ. अशोक कुमार मोहंती ने बताया कि संस्थान द्वारा चलाये जा रहे अभियान में प्रति दिन संस्थान से 6 टीमें भाग ले रही है जो कृषि विज्ञान केंद्र अमरोहा एवं बीजनौर एवं राज्य सरकार के अधिकारी एवं कर्मचारी के सहयोग से कार्यक्रम किया जा रहा है।  संचालन प्रधान वैज्ञानिक एवं मीडिया प्रभारी डॉ. चंद्रभानु ने किया। नोडल ऑफिसर डॉ. पीसी जाट, डॉ. एन रविशंकर, डॉ. आरपी मिश्र, डॉ. राघवेंद्र सिंह एवं डॉ. टीपी स्वर्णम् आदि उपस्थित रहे।

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