स्मोकिंग से बढ़ता ब्रेन ट्यूमर का रिस्क
सिगरेट पीने के मामले में भारत को विश्व में दूसरा नम्बर
राजीव त्यागी
मेरठ। आज वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे है। पूरी दुनिया के कैंसर के मामलों का डेटाबेस रखने वाले वेब-प्लेटफॉर्म ‘GLOBOCAN’ के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर साल ब्रेन ट्यूमर के 3 लाख से ज्यादा केस सामने आते हैं। भारत में हर साल इसके लगभग 40 हजार केस दर्ज किये जाते हैं। भारत सिगरेट पीने के मामले में दूसरे नम्बर पर है। स्माेकिंग करने से ब्रेन टयूमर को खतरा बना रहता है।
स्मोकिंग से कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, जिनमें एक ब्रेन ट्यूमर भी है। तंबाकू के धुएं में मौजूद कार्सिनोजेन डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे शरीर में असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। स्मोकिंग से दिमाग की सुरक्षा करने वाली झिल्ली ‘ब्लड-ब्रेन बैरियर’ भी कमजोर हो सकती है। इससे हानिकारक पदार्थ आसानी से दिमाग तक पहुंच सकते हैं और ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ा सकते हैं।
‘ग्लोबल एक्शन टू एंड स्मोकिंग’ की रिसर्च के मुताबिक, भारत में 15 साल या उससे अधिक उम्र के 25.3 करोड़ लोग स्मोकर्स हैं। इनमें लगभग 20 करोड़ पुरुष हैं और 5.3 करोड़ महिलाएं हैं। दुनिया में सबसे अधिक तंबाकू का सेवन करने वाले देशों की लिस्ट में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर है। ऐसे में भारत के लोगों को ब्रेन ट्यूमर का जोखिम भी काफी ज्यादा है।
ब्रेन ट्यूमर क्या होता है?
दिमाग में कोशिकाओं के सामान्य से अलग और अनियंत्रित तरीके से बढ़ने के कारण गांठ सी बन जाती है। इसे ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। यह गांठ दो तरह की हो सकती है, एक कैंसरस होती है और दूसरी नॉन-कैंसरस होती है। सिर्फ एक-तिहाई ब्रेन ट्यूमर ही कैंसरस होते हैं।जब यह गांठ बढ़ती है तो दिमाग के दूसरे हिस्सों पर दबाव पड़ने लगता है। इसके कारण उन हिस्सों का कामकाज प्रभावित हो सकता है। हालांकि, सभी ट्यूमर खतरनाक नहीं होते हैं। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण क्या होते हैं?
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण इस पर निर्भर करते हैं कि यह दिमाग में कहां है और कितना बड़ा है।
ब्रेन ट्यूमर कितने प्रकार के होते हैं?
ब्रेन ट्यूमर 150 से ज्यादा तरह के होते हैं, लेकिन इन्हें दो बड़े ग्रुप में बांट सकते हैं।
बेनाइन: यह धीरे-धीरे बढ़ता है और कैंसरस नहीं होता है, मिसाल के तौर पर मेनिन्जियोमा ब्रेन ट्यूमर।
मैलिग्नेंट: यह तेजी से बढ़ता है और कैंसरस होता है, जैसे कि ग्लियोमा या मेडुलोब्लास्टोमा ब्रेन ट्यूमर।
क्या ब्रेन ट्यूमर सिर्फ उम्रदराज लोगों को ही होता है?
नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है। ब्रेन ट्यूमर किसी को भी हो सकता है, चाहे वह बच्चा हो, जवान हो या बुजुर्ग। हालांकि, कुछ ट्यूमर उम्र के हिसाब से ज्यादा देखने को मिलते हैं, जैसे बच्चों में मेडुलोब्लास्टोमा आम है। वहीं उम्र बढ़ने पर ग्लियोब्लास्टोमा ज्यादा कॉमन है।
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