डेंगू मलेरिया व चिकनगुनिया बीमारी पर सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर को मास्टर ट्रेनर दिया प्रशिक्षण
प्रशिक्षण कार्यशाला में शहर के सरकारी व गैर सरकारी सत्तर चिकित्सकों ने की शिरकत
मेरठ। गुरुवार को गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट लि. के वित्तीय सहयोग से तकनीकी सहयोगी संस्था PATH-CHRI के तकनीकी सहयोग से जनपद मेरठ में वेक्टर जनित रोगों डेंगू, चिकनगुनिया एवं मलेरिया से ग्रसित रोगियों के उचित उपचार एवं प्रबंधन के दृष्टिगत राज्य मलेरिया इकाई, जवाहर भवन, लखनऊ के द्वारा प्रदत्त निर्देशों के अनुपालन मे जिला स्वास्थ्य समिति, मेरठ की अगुआई तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी मेरठ डॉ अशोक कटारिया की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा निर्गत डेंगू, चिकनगुनिया क्लीनिकल मैनेजमेंट गाइडलाइंस 2023 एवं मलेरिया गाइडलाइन 2013 पर भारत सरकार द्वारा आयोजित मास्टर प्रशिक्षक कार्यशाला का आयोजन किया गया। गढ़ रोड स्थित होटल में मेडिकल कालेज, मेरठ की मास्टर प्रशिक्षिका डॉ. अनुपमा वर्मा द्वारा डेंगू, चिकुनगुनिया एवं मलेरिया पर कार्यशाला में आए जनपद के निजी नर्सिंग होम, निजी क्लिनिक एवं निजी चिकित्सालयों मे कार्यरत विशेषज्ञ चिकित्सक/फिजीशियन/चिकित्साधिका रियों तथा सरकारी इकाइयों पर तैनात चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ डॉ अशोक तालियान, मंडलीय सर्विलांस अधिकारी मेरठ के द्वारा किया गया।
डॉ तालियान ने बताया की वर्तमान समय मे जलवायु परिवर्तन के कारण वेक्टर जनित रोग विशेषकर डेंगू एवं मलेरिया अब पूरे वर्षभर सूचित होते हैं। डेंगू एवं मलेरिया रोग को सरकार द्वारा नोटिफ़ाइबल रोग घोषित किया गया है जिसके अंतर्गत समस्त रोगी जो इन रोगों से ग्रसित होते हैं उनकी सूचना जिला सर्विलांस इकाई आई.डी.एस.पी. को देना अनिवार्य है, जिस हेतु राज्य सरकार द्वारा यू पी एस पी पोर्टल विकसित किया गया है, जिस पर समस्त राजकीय एवं निजी प्रयोगशाला एवं उपचार केंद्रों द्वारा दैनिक रूप से सूचना प्रेषित की जाती है, जिसके फलस्वरूप तत्काल उन रोगियों के निवास के आस-पास निरोधात्मक गतिविधियां संपादित की जाती हैं ताकि रोग के प्रसार को रोक जा सके एवं उक्त सूचना जिला नगर निगम तथा पंचायती राज कार्यालय को भी दैनिक रूप से प्रेषित की जाती है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कटारिया ने कार्यशाला मे आए समस्त चिकित्सकों को रोगियों के उपचार एवं प्रबंधन मे उनके स्तर पर अच्छी सेवा देने एवं समस्त रोगियों की सूचना यू डी एस पी पोर्टल पर अनिवार्य रूप से सूचित करने का आग्रह किया, साथ ही अवगत कराया कि समय से सूचना प्रेषित किए जाने के कारण रोगी के घर एवं उसके आस पास सभी प्रकार की अंतर्विभागीय निरोधात्मक कार्यवाही एवं एक्टिव केस सर्च की गतिविधि संपादित की जाती है ताकि रोग के प्रसार को रोका जा सके।
प्रोफेसर डा. अनुपमा ने कार्यशाला मे आए समस्त प्रतिभागियों को डेंगू एवं मलेरिया रोग की नवीन गाइडलाइन पर संवेदीकरण किया। डॉ अनुपमा ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2024 में मलेरिया रोग से कोई भी मृत्यु नहीं हुई है। उत्तर प्रदेश से वर्ष 2027 तक मलेरिया रोग को उन्मूलित किया जाना लक्षित है, साथ ही मलेरिया संचरण को रोकने हेतु सरकार द्वारा उठाए गये कदमों एवं उसके प्रबंधन पर प्रकाश डाला गया।
कार्यशाला में तकनीकी सहयोग संस्था पाथ-सी.एच.आर.आई. की रीजनल कोआर्डिनेटर डा. आफिरा मंजूर, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अशोक कटारिया, मंडलीय सर्विलांस अधिकारी, डा. अशोक तालियान, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी वी.बी.डी. डॉ राजेश, नोडल डिजास्टर मॅनेजमेंट डॉ अंकुर त्यागी, जिला मलेरिया अधिकारी, सत्य प्रकाश, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ रचना टंडन, पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ अक्षित भी उपस्थित रहे।
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