सीसीएसयू में योग दिवस पर बनेगा विश्व कीर्तिमान
कैंपस में क्रीड़ा भारती के संयुक्त तत्वावधान में 15 जून से 21 जून तक लगेगा 7 दिवसीय शिविर
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि एवं क्रीड़ा भारती के संयुक्त तत्वावधान में 15 जून से 21 जून तक सात दिवसीय 12वां योग शिविर आयोजित किया जा रहा है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक साथ एक वेशभूषा में सूर्य नमस्कार कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया जाएगा।
यह आयोजन विश्वविद्यालय परिसर के साथ-साथ महाविद्यालयों और समाज के विभिन्न वर्गों की भागीदारी से संपन्न होगा। हर वर्ष की तरह इस बार भी योग गुरू स्वामी कर्मवीर महाराज का सानिध्य प्राप्त होगा। इसका यूट्यूब पर लाइव प्रसारण भी किया जाएगा।
कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस ऐतिहासिक प्रयास को सफल बनाने के लिए सभी महाविद्यालयों को नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए गए हैं। 21 जून की सुबह 7 बजे विश्वविद्यालय एवं छह जिलों के सभी महाविद्यालयों में एक साथ सूर्य नमस्कार कराया जाएगा। प्रतिभागियों की संख्या का जियो-टैग फोटोग्राफ एवं वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से प्रामाणिक दस्तावेजीकरण किया जाएगा।
ये होगी योग दिवस की थीम
इस बार योग दिवस की थीम वन अर्थ वन हेल्थ होगी सुबह को सर्वप्रथम प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसके बाद आयुष मंत्रालय द्वारा जारी मानक योग प्रोटोकॉल के अनुसार योगाभ्यास कराया जाएगा। योग प्रोटोकॉल के बाद राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदया का संदेश ऑडियो-वीडियो के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा।तत्पश्चात एक साथ सूर्य नमस्कार योग मुद्रा का आयोजन कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया जाएगा।
योग शिविर में प्रतिदिन सुबह 5 से 7 बजे तक योग सत्र तथा सायं 4 से 6 बजे तक निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा परामर्श की व्यवस्था की गई है। प्रतिभागियों की वेशभूषा एकरूप रखने और सूर्य नमस्कार अनुक्रम एक समान बनाए रखने के लिए दिशा निर्देश एवं संबंधित सामग्री पहले से उपलब्ध कराई जा रही है।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों से भी कहा है कि वे अपने शिक्षण संस्थानों, परिवारजनों और समाज के लोगों को इस महाअभियान में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय परिसर में योग वाटिका, ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी, संगोष्ठियां तथा वैज्ञानिक शोध लेखन कार्य जैसी अनेक गतिविधियां भी योग सप्ताह के अंतर्गत आयोजित की जा रही हैं।
योग सप्ताह कें अंतर्गत विश्वविद्यालय की ओर से मेरठ के 1857 के क्रांति स्थल औघड़नाथ मंदिर पर, गंगा के पवित्र तट ब्रजघाट पर ऐतिहासिक एवं पौराणिक नगरी हस्तिनापुर में योग अभ्यास कराया जाएगा।
इन बिंदुओं पर काम करके बनाएंगे योग विश्व कीर्तिमान
विरासत से विकासः योग की भूमिका विषय पर एक विचारोत्तेजक परिचर्चा का आयोजन किया जा सकता है. जिसमें विषय विशेषज्ञ योग के प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विकास में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालेंगे।
एक साथ योगः संकल्प और सामूहिकता का प्रतीक'-विश्वविद्यालय / महाविद्यालय परिसर में भव्य योग प्रदर्शन का आयोजन किया जाए, जिसमें एक ही दिन में कम से कम 51,000 प्रतिभागी एक साथ योगाभ्यास करें, जो एकता और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति सामूहिक संकल्प का प्रतीक बनेगा ।
अंतर्राष्ट्रीय योग संगोष्ठीः ज्ञान और अनुभव का संगम'-एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का आयोजन किया जाए, जिसमें देश-विदेश के योग विशेषज्ञ, शोधकर्ता और Practitioner अपने ज्ञान और अनुभवों का साझा करें।
योग वाटिका (पार्क) प्रकृति और शांति का आशियाना' विश्वविद्यालय में एक मनमोहक योग पार्क विकसित किया जाए, जो प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण हो और जहाँ विद्यार्थी एवं शिक्षक शांत वातावरण में योगाभ्यास कर सकें।
योग साहित्यः ज्ञान का अक्षय भंडार (योग पर पुस्तक प्रकाशन)' योग के विभिन्न पहलुओं पर उच्च गुणवत्ता वाली पुस्तकों का प्रकाशन किया जाए, जो न केवल विश्वविद्यालय समुदाय बल्कि व्यापक समाज के लिए भी ज्ञान का स्रोत बनें।
चंदन वाटिका एवं तालाबः प्रकृति की गोद में विश्राम -
विश्वविद्यालय में सुगंधित चंदन के वृक्षों से युक्त वाटिका और एक शांत तालाब विकसित किया जाए, जो एक आकर्षक पिकनिक स्थल के रूप में विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रकृति के करीब आने और योग अभ्यास करने तथा विश्राम करने का अवसर प्रदान करें।
फिजिकल योग मैराथनः स्वस्थ समाज की ओर बढ़ते कदम' - समाज के सभी वर्गों को एक साथ जोड़ने के लिए एक ऊर्जावान योग मैराथन का आयोजन किया जाए, जो स्वास्थ्य और सामुदायिक भावना को बढ़ावा दे।
सामूहिक सूर्य नमस्कारः ऊर्जा और एकाग्रता का अनुभव' किया जाए, जिससे विद्यार्थियों में ऊर्जा का संचार हो और एकाग्रता में वृद्धि हो।
रोग निवारण में योगः वैज्ञानिक शोध एवं निष्कर्ष विभिन्न रोगों पर योग के सकारात्मक प्रभावों पर वैज्ञानिक शोध और शोध पत्रों को प्रोत्साहित किया जाए और उनके निष्कर्षों को सार्वजनिक किया जाए।
प्रकृति का महत्वः एक ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी (पेड़ की उपयोगिता पर प्रदर्शनी) पेड़ों की उपयोगिता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को दर्शाने वाली एक जानकारीपूर्ण प्रदर्शनी का आयोजन किया जाए, जिससे प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़े।
No comments:
Post a Comment