विश्व रक्तदाता दिवस (14 जून) पर विशेष

रक्तदान बचाता है जान, इसीलिए लिए कहते हैं इसे महादान : मुकेश शर्मा 

रक्त दें-आशा दें : साथ मिलकर हम जीवन बचाते हैं” थीम पर मनाया जाएगा 

 मेरठ। गर्भवती माताओं के साथ ही आपात परिस्थितियों में घायलों आदि की जान सुरक्षित बनाने में रक्तदान की महत्वपूर्ण भूमिका है, इसीलिए इसे महादान भी कहते हैं। रक्तदान करने योग्य हर व्यक्ति को जीवन में समय-समय पर स्वेच्छा से बिना किसी तरह के भुगतान के सुरक्षित रक्तदान कर इस महादान का पुण्य अवश्य कमाना चाहिए।

पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर मुकेश शर्मा का कहना है कि स्वेच्छा से रक्तदान करने वाले ऐसे व्यक्तियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए ही हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मूल मकसद लोगों को स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए प्रेरित करना, जागरूकता बढ़ाना और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है। इस साल विश्व रक्तदाता दिवस की थीम – “रक्त दें-आशा दें : साथ मिलकर हम जीवन बचाते हैं” तय की गयी है जो कि निश्चित रूप से बहुत ही सटीक है। मरीज की जान बचाने के लिए जरूरत के वक्त सुरक्षित रक्त मिलना निश्चित रूप से व्यक्ति के अंदर एक आशा और विश्वास का संचार करता है। इस दिवस पर रक्तदाताओं के प्रति हर किसी को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए क्योंकि उनकी वजह से ही बिना किसी जान-पहचान के जरूरतमंदों को समय से सुरक्षित रक्त, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स आदि मिल पाता है।

  इस दिवस पर ऐसे लोगों को भी आगे आना चाहिए जो रक्तदान करने के योग्य हैं किन्तु किसी हिचक या भ्रान्ति के चलते रक्तदान से बच रहे हैं। उनको जानना चाहिए कि आशापूर्ण भविष्य के लिए आज ही स्वस्थ शुरुआत करने की जरूरत है। अस्पतालों के ब्लड बैंक में पर्याप्त रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि आपात स्थिति में रक्त न मिलने से किसी की जान न जाने पाए। प्रसव के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव की स्थिति में प्रसूताओं के जीवन में तभी खुशहाली लायी जा सकती है जब समय से उन्हें सुरक्षित रक्त मिले। मातृ मृत्यु का यह कारण न बन सके इसका भी सभी को प्रयास करना चाहिए। 

18 से 65 साल की उम्र के स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं, वजन 50 किलोग्राम होना चाहिए। सर्दी, जुकाम, गले में दर्द, पेट में कीड़े या अन्य संक्रमण की स्थिति में रक्तदान से बचना चाहिए। हाल ही में किसी तरह का टीका लगवाने वाले, टैटू बनवाने वाले और जल्दी ही सर्जरी करवाने वालों को भी चिकित्सक की सलाह पर ही रक्तदान करना चाहिए। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रक्तदान से बचना चाहिए। एचआईवी व कुछ अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित को रक्तदान नहीं करना चाहिए।

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