बाढ़ से बचाव के लिए हस्तिनापुर में प्रशासन की मॉ़क ड्रिल
मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ आपदा प्रबंधक, सेना की असम राइफल व पीएसी ने लिया भाग
मेरठ। बिजनौर गंगा बैराज से 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने के चलते बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गुरूवार को खादर क्षेत्र के भीकुंड गंगा घाट पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मॉकड्रिल कराई। माॅ़क ड्रिल में एनडीआरएफ आपदा प्रबंधक, सेना की असम राइफल व पीएसी ने भाग लिया ।
बिजनौर बैराज से 46 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद खादर क्षेत्र में पानी की जलस्तर बढ़ गया है। गुरूवार को
एडीएम एफ सूर्यकांत त्रिपाठी, एसपी देहात डॉ. राकेश कुमार मिश्रा, एसडीएम मवाना अंकित कुमार और सीओ मवाना अभिषेक पटेल भीकुंड घाट पर पहुंचे।बाढ़़ से किस प्रकार बचा जा सकता है। इसके बारे में किसानों व स्थनीय निवासियों को बताया गया। । मॉकड्रिल में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आपदा मित्र, भारतीय सेना की असम राइफल्स और पीएसी की टुकड़ियां भी शामिल हुईं। मॉकड्रिल के दौरान बडी संख्या में किसानों व स्थानीय निवासियों ने भाग लिया। इस दौरान उन्हें बताया गया कि किस प्रकार इस प्रकार की स्थिति आने पर अपना बचाव कैसे किया जा सकता है। वही जिला प्रशासन ने गंगा किनारे बसे गांवों के लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। तहसील के ऊंचाई वाले गांवों में बाढ़ चौकियां बनाने का आदेश दिया गया है।
एडीएम सूर्यकांत त्रिपाठी ने कहा कि पहाड़ों पर हो रही बारिश और गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आपदा से निपटने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसी मकसद से ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है।
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