प्रेम और समर्पण


प्रेम
तर्पण नहीं समर्पण है
प्रेम
भाव नहीं भक्ति है
प्रेम
पूजा नहीं आराधना है
प्रेम
ईश्वर नहीं सखा है
प्रेम
गीत नहीं मित है
प्रेम
अगन नहीं लगन है
प्रेम
भोग नहीं योग है
प्रेम
भाषा नहीं परिभाषा है
प्रेम
पथ नहीं परिक्रमा है
प्रेम
आशक्ति नहीं विरक्ति है
प्रेम
व्यक्त नहीं अव्यक्त है
प्रेम
रति नहीं रीत है
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- प्रभुनाथ शुक्ल
लेखक एवं समीक्षक, भदोही (उप्र)।

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