अंसल ग्रुप के मैनेजर्स पर मेरठ में केस दर्ज

क्राइम ब्रांच के रिटायर्ड सीओ से 27.36 लाख रुपये हड़पने का आरोप

मेरठ। अंसल ग्रुप के दो प्रबंधकों के खिलाफ मेरठ में भी केस दर्ज हो गया है। फर्जी कागजात बनाकर सरकारी जमीन पर प्लॉट आवंटित करने के मामले में अंसल ग्रुप के दो निदेशक सुशील अंसल और प्रणव अंसल साथ ही प्रबंधक एपी शर्मा और अतुल शर्मा के खिलाफ परतापुर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। वहीं पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

मूल रूप से सहारनपुर सदर बाजार निवासी बचन सिंह सिरोही क्राइम ब्रांच से रिटायर सीओ हैं। इन दिनों वो पल्लवपुरम के अंसल टाउन में रहते हैं। बचन सिंह सिरोही ने परतापुर थाने में अंसल ग्रुप के दो प्रबंधकों और निदेशकों के खिलाफ तहरीर दी है। जिसके आधार पर मुकदमा हुआ है। इन लोगों पर धोखाधड़ी करने का आरोप है। एसएसपी के आदेश पर दो निदेशकों और दो प्रबंधकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

बचन सिंह सिरोही का आरोप है कि अंसल सुशांत सिटी में सिंचाई विभाग की जमीन पर फर्जी कागजात तैयार कर उन्हें प्लॉट आवंटित किया गया। इतना ही नहीं उन्होंने 27.36 लाख रुपये भी हड़पने का आरोप भी लगाया है। पीड़ित ने एसएसपी के आदेश पर अंसल ग्रुप के दो निदेशकों सुशील अंसल, प्रणव अंसल और प्रबंधक एपी शर्मा और अतुल शर्मा के खिलाफ परतापुर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

बचन सिंह सिरोही ने एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में उन्होंने बताया कि 14 जून 2014 को 12.36 लाख रुपये लेकर उन्हें परतापुर की सुशांत सिटी में प्लॉट आवंटित किया गया था। उस समय फर्म के प्रबंधक अतुल शर्मा ने बताया था कि हमारी बात कंपनी के निदेशक सुशील अंसल, प्रणव अंसल और अन्य निदेशकों से हो गई है। उनके निर्देश पर आपको बढ़ी हुई कीमत का अंतर 15 लाख रुपये देना होगा। रेट बढ़ोतरी के बाद यही कीमत है।

बचन सिंह सिरोही ने बताया कि उस वक्त मैंने 15 लाख रुपये जमा करा दिए। आरोप है कि इसकी रसीद उन्हें आज तक नहीं दी गई। रकम लेने के बाद भी फर्म ने अभी तक उन्हें न तो जमीन पर कब्जा दिया है और न ही कोई निर्माण कार्य शुरू कराया है।बचन सिंह ने शिकायत में बताया कि 27 फरवरी 2023 और एक फरवरी 2024 को अंसल एपीआई के कार्यालय में पीड़ित ने शिकायत की। फर्म ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने फर्म के मालिकों और कर्मचारियों से संपर्क किया तो कोई जानकारी नहीं दी गई।

आरोप है कि उन्हें धमकाते हुए कहा गया कि फर्म के प्रबंधकों के आदेश पर ही कोई कार्रवाई की जाएगी। हम कुछ नहीं कर सकते। कुछ भी कर लो रुपये वापस नहीं मिलेंगे। इसके बाद पीड़ित ने अपने स्तर से जानकारी की तो पता चला कि अंसल ग्रुप ने उन्हें और अन्य लोगों को जो प्लॉट बेचे हैं, वह सिंचाई विभाग की भूमि पर हैं।

मेरठ विकास प्राधिकरण ने इसकी खरीद पर रोक लगा रखी है। आरोप है कि फर्म के निदेशक सुशील अंसल, प्रणव अंसल, मैनेजर एपी शर्मा और अतुल शर्मा ने फर्जी कागजात तैयार कर उनसे 27.36 लाख रुपये हड़प लिए और सिंचाई विभाग की भूमि में प्लॉट आवंटित कर दिया। एएसपी अंतरिक्ष जैन ने बताया कि शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।


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