न्यायदूत बन छात्राओं ने दी कानून की जानकारी
शोभित विश्वविद्यालय ने लगाया विधिक सहायता एवं जागरूकता शिविर
मोदीपुरम। शोभित विश्वविद्यालय द्वारा घाट गाँव में “न्याय उसके लिए : उसके अधिकार, उसकी शक्ति” विषय पर एक दिवसीय विधिक सहायता एवं जागरूकता शिविर व नारी सशक्तिकरण अभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को उनके संवैधानिक एवं विधिक अधिकारों, कानूनी संरक्षण उपायों तथा सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें सशक्त बनाना है।
शिविर का आयोजन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ एंड कॉन्स्टिट्यूशनल स्टडीज के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार गोयल के नेतृत्व में किया गया। जिसमें स्कूल ऑफ एजुकेशन, सेंटर फॉर साइकोलॉजी एंड ह्यूमन बिहेवियर तथा स्थानीय प्रशासन का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं, युवतियों व बुजुर्गों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
शुभारंभ “अब कानून बोलेगा” नामक नुक्कड़ नाटक से की गई। नाटक का मंचन हर्षिता, आकृति, काजल, समृद्धि, आयुषी, नील, अविरल और सुधीश ने किया। प्रो. प्रमोद कुमार गोयल ने कहा, “कानूनी जानकारी एक ऐसा अस्त्र है जो महिलाओं को न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे समाज में परिवर्तन लाने की क्षमता और दक्षता देता है।”
इस दौरान महिला अधिकार, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, दहेज निषेध कानून, बाल विवाह, स्त्रीधन एवं संपत्ति में अधिकार जैसे विषयों पर संवाद सत्र आयोजित किए गए। जिनमें विधि संकाय के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा निःशुल्क कानूनी परामर्श भी दिया गया।
इस मौके पर ग्राम प्रधान अनीता ने कहा, “हर ग्रामीण महिला को यह जानना आवश्यक है कि कानून उसके साथ है, और वे निःशुल्क विधिक सहायता की अधिकारी हैं। ग्राम सचिव विजेता राजपूत ने प्रशासनिक सहायता योजनाओं की जानकारी देते हुए महिलाओं को आवेदन प्रक्रिया समझाई। बीडीओ पंकज ने कहा, “सशक्त महिला ही सशक्त ग्राम का आधार है।कार्यक्रम में डॉ. शैल ढाका, डॉ. दीपशिखा, डॉ. पल्लवी जैन, पवन कुमार एवं न्यायदूत के रूप में उपस्थित छात्राओं ने भी अपने विचार रखे।
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