भारत की आर्थिक नीतियों का कमाल

- संजीव ठाकुर
यह चमत्कार से कम नहीं है कि वर्ष 2014 के पहले मनमोहन सिंह की कांग्रेस की सरकार के समय भारत विश्व में 11वीं आर्थिक शक्ति में गिना जाता था। 2014  में भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनते ही सबसे पहले आर्थिक मजबूती की नीतियों पर ध्यान देते हुए भारत की अंदरूनी अर्थशास्त्र मरम्मत करते हुए आज 2025 में विश्व की जापान जैसी चौथी आर्थिक शक्ति को पीछे छोड़ते हुए वैश्विक स्तर पर चौथी महाशक्ति बन गया है। सकल जीडीपी में भारत ने उत्साह जनक वृद्धि करते हुए आश्चर्यजनक रूप से चौथी अर्थव्यवस्था बनने का कम समय में रिकॉर्ड बनाया है।
               यह ऐसे समय में भारत ने किया है जब भारत के समक्ष विपरीत परिस्थितियों पहाड़ बनकर खड़ी हुई है ऑपरेशन सिंदूर में सामरिक तौर पर पाकिस्तान को परास्त करते हुए अमेरिका चीन पाकिस्तान तुर्की जैसे देशों का मुकाबला डटकर किया है। भारत ऑपरेशन सिंधु चलते हुए पाकिस्तान के 9 हवाई बेस अड्डों को नष्ट किया है के अलावा 100 आतंकवादियों को मार भी गिराया है ट्रंप ने इस मामले में दबाव डालने का भरपूर प्रयास किया था भारत के कड़े रुख के कारण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने बयान से यू टर्न लेना पड़ा और भारत और पाकिस्तान के बीच से अपना हाथ खींच लिया है। अब भारत में कूटनीतिक तौर पर अपने 60 से अधिक सांसदों को विदेश विभिन्न देशों में अपने सांसदों का दल भेज कर भारत का रुख साफ करने एवं पाकिस्तान की काली करतूत के तहत विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने का पर्दाफास भी किया है।
भारत ना सिर्फ चौथी आर्थिक शक्ति बना है बल्कि सामरिक तौर पर अपनी फौज के दम पर पाकिस्तान जैसे आतंकवादी देश को परास्त करते हुए चौथी आर्थिक महाशक्ति बन गया है। अब वह दिन दूर नहीं जब भारत अपनी वर्तमान की आर्थिक नीतियों पर चलते हुए बहुत शीघ्र जर्मन जैसे शक्तिशाली देश को पीछे छोड़ते हुए तीसरी महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर हो गया है। भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी भी देश की नियत साफ हो तो वह किसी भी दिशा में सकारात्मक रूप से शांति स्थापना की अच्छी मंशा को लेकर वैश्विक स्तर पर अच्छी छवि बनाकर सिरमौर भी बन सकता है। भारत 141 करोड लोगों के श्रम के हाथों और मजबूत आर्थिक नीतियों के चलते 4000 अरब डॉलर वाला कुल सकल उत्पाद की ताकत के बाद वैश्विक स्तर पर चौथी आर्थिक ताकत बनकर उभरा है। भविष्य में भारत को अपने नागरिकों के श्रम के दम पर बहुत शीघ्र जर्मनी जैसे ताकतवर पश्चिमी देश को पीछे छोड़कर तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। वर्तमान में भारत अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 40 पैसे मजबूत हुआ है।


इंटरनेशनल मोनेटरी फंड तथा विश्व बैंक ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा है कि विश्व की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के लगातार प्रदर्शन के बीच भारत की अंदरुनी अर्थव्यवस्था काफी मजबूत हुई है तथा यह मजबूत अर्थव्यवस्था लगातार जारी रहने की संभावना है। ऑपरेशन सिंदूर के पश्चात यह बहुत शुभ खबर है कि पाकिस्तान में हमले के बाद इसराइल फ्रांस ब्रिटेन एवं अन्य यूरोपीय देशों के साथ-साथ खाड़ी के देश भी भारत के सामरिक अस्त्र-शस्त्र खरीदने की होड़ में शामिल हो गए हैं एवं भारत में बने रक्षा उत्पादों को खरीदने की मंशा रखते हैं।
भारत को न सिर्फ निर्यात बल्कि देश के लिए उपयोगी आवश्यक वस्तुओं का आयात भी करना होगा तब जाकर हम तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर उन्मुख हो सकते हैं। भारत के प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब हमें चीन के सामानों का उपयोग ना करके घर में ही उत्पादन बढ़ाकर आर्थिक रूप से चीन को करारा जवाब देकर उसे आर्थिक रूप से परास्त करना है। भारत ने डिजिटल टेक्नोलॉजी को काफी हद तक विस्तृत कर पूरी दुनिया में यह साबित कर दिया है कि डिजिटाइजेशन में भारत बहुत आगे बढ़ गया है और भारत की विशाल जनसंख्या को हमने बोझ बनने ना देकर उसे अपनी शक्ति के तौर पर इस्तेमाल किया है और यही कारण है कि हम अपने निरंतर आर्थिक सुधारो तथा ग्रामीण क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व परिवर्तन कर देश को एक नया सकारात्मक आकार दिया है। वैश्विक स्तर पर भारत के चौथी महाशक्ति बनने के साथ-साथ एक स्वर्णिम अध्याय भी शुरू हुआ है।
भारत की नीति आयोग की आवश्यक मीटिंग में इस बात को उजागर किया गया है एवं इंटरनेशनल मोनेटरी फंड के उपलब्ध कराये हुए डेटाबेस के आधार पर भारत चौथी आर्थिक महाशक्ति के पद पर काबिज हो गया है उल्लेखनीय है कि भारत के पहले बाहुबली अमेरिका भारत का परंपरागत विरोधी चीन और जर्मनी मौजूद हैं।  2014 के पहले यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय भारत विश्व की 11वीं आर्थिक शक्ति बना था इसके पश्चात नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में भारत को गुलाम रखने वाले देश ब्रिटेन को पीछे छोड़कर पांचवी आर्थिक शक्ति का पद हासिल किया था। भारत में स्वतंत्रता के बाद से आर्थिक सामाजिक वैज्ञानिक तथा स्वास्थ्य सेवाओं में भारी वृद्धि कर एक सकारात्मक विचारों वाली सरकार को आगे बढ़ाया था। भारत में 1947 के बाद धीरे-धीरे वृद्धि की और अपनी आर्थिक तथा सामरिक शक्ति को सदैव शांति के पक्ष में रखकर आक्रमण न करने की नीति को अपनाया था। 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने आर्थिक नीतियों पर ज्यादा जोर देते हुए नई-नई नीतियों तथा विदेशी शक्तियों से हाथ मिलाकर आयात निर्यात को बहुत ज्यादा बढ़ावा दिया और अपनी जनसंख्या को ताकत बनते हुए घरेलू सकल उत्पाद पर ज्यादा ध्यान देते हुए 2025 तक तीसरे कार्यकाल में यह स्वर्णिम उपलब्धि प्राप्त की है।


गौरतलब है कि 1947 में भारत के साथ पाकिस्तान भी स्वतंत्र हुआ था किंतु पाकिस्तान अपनी आतंकवादी काली करतूत के कारण भुखमरी का कगार पर खड़ा है एवं उसके अस्तित्व के संकट के बादल  सर पर मंडरा रहे हैं वह भीख का कटोरा लेकर दर-दर घूम रहा है परंतु उसे कोई उधार देने को भी तैयार नहीं है। इन परिस्थितियों में जब ट्रंप की नई सरकार ने सभी देशों पर भारी टैरीफ लगाने नीति अपनाई है जिसके परिणाम स्वरूप यूरोपीय देश भी उससे अलग होने की जुगत में लगे हुए हैं। परिस्थितियों को देखते हुए कोई शक नहीं जब भारत बहुत जल्द तीसरी महाशक्ति बनेगा एवं अपनी सामरिक शक्ति के साथ पूरे विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता प्राप्त कर सकता है।

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