यूट्यूबर एल्विश यादव के खिलाफ चलेगा मुकदमा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
प्रयागराज (एजेंसी)।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूट्यूबर एल्विश यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में दर्ज आरोप पत्र के खिलाफ दायर आरोप पत्र में कहा गया था कि यूट्यूब वीडियो बनाने के लिए सांपों और सांप के जहर का दुरुपयोग किया गया है। उनके खिलाफ रेव पार्टियों का आयोजन करने और विदेशियों को बुलाने के आरोप भी शामिल है, जो लोगों को सांप के जहर और अन्य नशीली दवाओं का सेवन कराते हैं।
न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने सोमवार को मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी कि यादव के खिलाफ आरोपपत्र और एफआईआर में बयान हैं और ऐसे आरोपों की सत्यता की जांच मुकदमे के दौरान की जाएगी। एकल न्यायाधीश ने यह भी कहा कि यादव ने याचिका में एफआईआर को चुनौती नहीं दी है।
एल्विश यादव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील नवीन सिन्हा ने अधिवक्ता निपुण सिंह के साथ मिलकर अधिवक्ता नमन अग्रवाल की सहायता से तर्क दिया कि जिस व्यक्ति ने यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, वह वन्यजीव अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए सक्षम नहीं है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि न तो यादव पार्टी में मौजूद थे और न ही उनके पास से कुछ बरामद हुआ था।
दूसरी ओर, अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष गोयल ने दलील दी कि जांच में सामने आया है कि यादव ने उन लोगों को सांप सप्लाई किए थे, जिनसे बरामदगी की गई थी।
यादव के वकील की दलीलों से प्रभावित न होते हुए, न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया तथा आरोपों की जांच का काम प्रभावी रूप से निचली अदालत पर छोड़ दिया।
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