अधिवक्ता परिषद की संगोष्ठी में वक्ताओं ने रखे विचार
मेरठ।अधिवक्ता परिषद ब्रज की मेरठ इकाई की ओर से वर्तमान में सिंधु नदी जल समझौते का निलंबन भारत के लिए वरदान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
नानक चन्द सभागार में आयोजित इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि / वक्ता ब्रिगेडियर केपीएस सिरोही (सेवानिवृत) रहे। संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि / वक्ता व चरण सिंह त्यागी (राष्ट्रीय मंत्री अधिवक्ता परिषद), नरोत्तम कुमार गर्ग (प्रदेश अध्यक्ष बज) व प्रमोद त्यागी (अध्यक्ष मेरठ इकाई) ने दीप प्रज्वलित कर किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रमोद त्यागी ने तथा संचालन महामंत्री पराग गर्ग एडवोकेट ने किया।
संगोष्ठी के विषय प्रवेश के लिये नरोत्तम कुमार गर्ग एडवोकेट ने विचार रखे और बताया कि भारत व पाकिस्तान के मध्य सिंधु नदी की छह सहायक नदी को दो देशों के मध्य विभाजित किया गया था। इस समझौते के अनसार भारत को तीन पूर्वी नदी (सतलुज ब्यास और रावी का अधिकार दिया गया यही पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु झेलम और चिनाब) का अधिकार दिया गया। यह समझौता विश्व बैंक द्वारा व्यवस्थित करके वर्ष 1980 में हस्ताक्षरित हुआ था। क्रार्यकम में मेरठ बार एशोसेशियन के अध्यक्ष श्री संजय शर्मा व राजेन्द्र सिंह राणा ने भी अपने विचार रखते हुए यह विषय राष्ट्रीय महत्व का बताया। मुख्य वक्ता ब्रिगेडियर केपीएस सिरोही ने इस विषय पर विस्तार से अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजकुमार सिंह, शुचि शर्मा, पदम, झम्मन सिंह वर्मा, उमेश बंसला, अमित धामा, विशाल राणा, मेहर पाल सिंह, राजीव शर्मा, मनोज गुप्ता, अंकुर शर्मा, विवेक कोचर, सर्वेश शर्मा, राकेश कुमार, कोमल त्यागी, भूपेंद्र, निशित गर्ग, निशांत कुमार गर्ग, मोनिका भारद्वाज, सचिन भारद्वाज आदि ने सहयोग दिया।
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