विवि के बृहस्पति भवन में मॉक ड्रिल का आयोजन 

 मेरठ । गृह मंत्रालय के आदेश पर बुधवार को सीसीएसयू के बृहस्पति भवन सभागार में नागरिक सुरक्षा संगठन द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। 

 इस अवसर पर  कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला, अपर नगर मजिस्ट्रेट (सिविल लाइंस)  पंकज राठौर, क्षेत्राधिकारी (सिविल लाइंस)  अभिषेकतिवारी, थाना मेडिकल प्रभारी निरीक्षक श्री शीलेश कुमार,  प्रो. मृदुल गुप्ता (प्रो-वाइस चांसलर),  धीरेंद्र कुमार वर्मा (रजिस्ट्रार), प्रो. भूपेंद्र सिंह (छात्र कल्याण अधिष्ठाता), प्रो बीरपाल सिंह (कुलानुशासक), सीसीएसयू NSS कार्यक्रम अधिकारी डॉ. दुष्यंत चौहान,सिविल डिफेंस प्रभागीय वार्डन फारूक चौधरी ,  गजेन्द्र शर्मा (उप प्रभागीय वार्डन), फायरमैन लक्ष्मण सिंह व जितेंद्र सिंह, डॉ. सिद्धार्थ सिंह (चिकित्सा अधिकारी) ,विश्वविद्यालय अभियंता मनीष मिश्रा,  विश्वविद्यालय एनसीसी अधिकारी डॉ अनिल यादव, दुर्गा भाभी गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन डॉ सरू कुमारी, आर के सिंह छात्रावास के वार्डन डॉ वाय पी सिंह, बीटेक विभाग  प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर केपी सिंह, संदीप अग्रवाल, डॉ सत्येंद्र कुमार तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय की ओर से इंजीनियर प्रवीण पवार (मीडिया सेल सदस्य) तथा सिविल डिफेंस वार्डन की ओर से उप प्रभागीय वार्डन  ग़लेंद्र शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के समापन पर प्रो. बीरपाल सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यक्रम का उद्देश्य  नागरिक सुरक्षा, संयम, त्वरित प्रतिक्रिया, एवं प्राथमिक उपचार जैसे बिंदुओं पर प्रशिक्षण देना तथा आमजन में जागरूकता फैलाना था। अपर नगर मजिस्ट्रेट श्री पंकज राठौर ने कहा कि "हमें किसी भी आपातकाल की स्थिति में अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, घबराहट नहीं फैलानी चाहिए, और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का शांति व अनुशासन से पालन करना चाहिए।"

क्षेत्राधिकारी अभिषेक तिवारी ने बेहद रोचक व शिक्षाप्रद ढंग से येलो अलर्ट और रेड अलर्ट की तुलना सिग्नल सिस्टम से करते हुए बताया कि कैसे संकट की स्थिति में सजग रहते हुए हमें अपनी और समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है। उन्होंने बताया कि ऐसी आपदा की स्थिति में हमें टेबल इत्यादि  के नीचे छुपना, बिजली की सप्लाई बंद करना, और पैनिक से बचना आवश्यक है।

सिविल डिफेंस  प्रभागीय वार्डन फारूक चौधरी ने नागरिक सुरक्षा की नियमावली के अनुसार वार्डनों की जिम्मेदारियों, व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया। वहीं डॉ. सिद्धार्थ सिंह ने आपातकाल की स्थिति में प्राथमिक उपचार किट, बैंडेज, सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित द्वारा अवश्यक इन्हेलर आदि रखने के महत्व के साथ-साथ आस-पास के अस्पतालों व एंबुलेंस नंबर हमेशा अपने पास रखने की सलाह दी।

थाना प्रभारी शीलेश कुमार ने कहा कि "पैनिक बिल्कुल नहीं करना है। आज के समय में एक युद्ध बॉर्डर पर लड़ा जा रहा है और दूसरा सूचना एवं अफवाहों के खिलाफ देश के भीतर। हमें अफवाहों को नियंत्रित करना भी एक सामाजिक जिम्मेदारी समझनी चाहिए।"कार्यक्रम के दौरान NCC और NSS की टीमों, विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, अध्यापकों, तथा छात्र-छात्राओं ने सक्रिय सहभागिता की।

 कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने इस अवसर पर कहा, "विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, एनसीसी, एनएसएस और छात्र-छात्राओं ने जिस गंभीरता व उत्साह से इसमें भाग लिया, वह प्रशंसनीय है। जो जानकारी और प्रशिक्षण आज यहां प्राप्त हुआ है, उसे केवल विश्वविद्यालय परिसर तक सीमित न रखकर, छात्रावासों, विभागों और अंततः समाज के हर कोने तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।

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