तनाव के बीच पहली बार लड़ाकू विमानों की एक्सप्रेस वे पर नाईट लैडिंग
अब भारत भी एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों को नाईट लैडिंग कराने वाले देशों में शामिल हुआ
शाहजहांपुर,एजेंसी। पाकिस्तान से तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को गंगा एक्सप्रेसवे पर अपना पराक्रम दिखाया। आसमान का सीना चीरते हुए राफेल, सुखोई-30, जगुआर, मिग-29, मिराज-200 और सुपर हरक्यूलिस विमानों ने जैसे ही गंगा एक्सप्रेसवे पर जलालाबाद के पीरू गांव के पास बनी हवाई पट्टी को चूमा, भारतीय वायुसेना के इतिहास में गौरव का एक और अध्याय जुड़ गया। अब भारत भी एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमानों की नाइट लैंडिंग कराने वाले चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया है।
पूर्वाह्न 11:30 बजे प्रस्तावित एयर शो खराब मौसम के कारण करीब एक घंटे विलंब से शुरू हुआ। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच लड़ाकू विमानों की गर्जना ने वहां मौजूद लोगों के दिलों में रोमांच पैदा कर दिया। बरेली के त्रिशूल एयरबेस से उड़ान भरने के बाद वायुसेना के विमान और हेलिकॉप्टर गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर टच एंड गो करते रहे। एमआई-17 वी-5 हेलिकॉप्टर से जवानों ने रस्सी के सहारे नीचे उतरने का अभ्यास किया।
दोपहर 12:40 बजे शुरू हुआ एयर शो करीब 2:30 बजे तक चलता रहा। शुरुआत सैन्य परिवहन विमान एएन-32 की लैंडिंग से हुई। इसके बाद सी-130 जे हरक्यूलिस विमान नीचे उतरा। फिर जगुआर, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29, राफेल के दो-दो विमान गर्जना करते हुए गुजरे। इस दौरान हजारों क्षेत्रवासी दूर से ही वायुसेना का शौर्य प्रदर्शन देखते रहे। फिर रात आठ बजे से विमानों की नाइट लैंडिंग शुरू हुई। रात दस बजे तक विभिन्न लड़ाकू विमान एक्सप्रेसवे पर लैंडिंग और टेकऑफ करते रहे। इस दौरान शाम सात से रात दस बजे तक कटरा-जलालाबाद हाईवे को वाहनों के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया।
देश में पहली बार किसी भी एक्सप्रेसवे पर बनी हवाई पट्टी पर रात में लड़ाकू विमान उतरे। इसके पीछे का उद्देश्य यह है कि युद्ध की स्थिति में अगर दुश्मन देश बमबारी कर एयरबेस की हवाई पट्टी को नष्ट कर दे तो विकल्प के रूप में एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी का इस्तेमाल किया जा सके। आपात स्थिति में तत्काल सैन्य कार्रवाई के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। हाईवे को सफर के साथ ही देश की सुरक्षा में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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