शहर में यात्रियाें की सुविधा के लिए बनने शुरू हुए दस यात्री शेड
पुराने यात्री शेड को हटा कर दिया नया रंग रूप
मेरठ। मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रयास जारी है। इसीक्रम में शहर में यात्रियों की सुविधा के लिए नये अत्याुधिक यात्री शेड़ बनाए जा रहे है। जिसमें रात के समय भी रोशनी में भी यात्री बसों का इंतजार कर सके । इतना ही नहीं शेड के बैठे अपने मोबाइल को चार्च कर सकेंगे।
मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा करीब 1.70 करोड़ की अवस्थापना निधि से शहर के दस स्थानों पर यात्री शेड बनााए जा रहे है। इसके तहत छह स्थानों पर सोलर सेटअप से युक्त बस स्टाप व यात्री शेल्टर का भी निर्माण किया जा रहा है। जिसमें मेडिकल कालेज के बाहर दाे , सीसीसीएसयू के बाहर दो, पीवीएस माल ,हापुड़ अडडा, बच्चा पार्क, जीआईसी समेत आदि स्थानों पर कार्य तेजी से किया जा रहा है। ये बस शेल्टर्स 6 मीटर लंबे व 2.5 मीटर चौड़े है इन्हें टफेन बैंक सपोर्ट ग्लास युक्त किया गया है साथ ही कर्व ट्यूब स्टुक्कर के तौर पर इन्हें स्मार्ट शेप में बनाया गया है। यात्री शेड के ऊपर सोलर पैनल लगाया गया है। जिससे रात के समय अंधेरा न सके। साथ वहां आने वाले यात्री अपने मोबाइल को चार्ज करने की सुविधा भी दी गयी है। नये बनाए गये शेड पूरी तरह से अत्याधुनिक लग रहे है। जैसे स्मार्ट शहरों में लगाए जाते है। उसी तर्ज पर इनका निर्माण किया गया है।
बतादें काफी समय पहले शहर में मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट और एमडीए द्वारा यात्री शेड़ बनाए गये थे रखरखाव ठीक न होने से वह जर्जर हालत में पहुंच गये थे। मेडा ने शहर में प्रमुख स्थलों पर 10 बस शेल्टर को अपडेट करने की योजना बनाई थी। जिस पर अब काम किया जा रहा है। विवि मार्ग व मेडिकल के पास यात्री शेड पूरी तैयार हो गये है। अन्य पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें 1750 किमी लंबी एसएस 304 ग्रेड की बेंच,मीटर लंबे व 2.5 मीटर चौड़े,67 आईपी मानक की एलईडी लाइट्स,शेल्टर्स की छत 8 मिमी मल्टी वॉल पॉली कार्बोनेट शीट से लैस ,फाल्स सीलिंग से छत सजेगी. एक मिमी एसीपी शीट से लैस के अतिरिक्त सभी बस स्टाप व यात्री शेल्टर्स पर आईपी 67 मानक की एलईडी लाइट्स लगाई गयी है।
बोले अधिकारी
यात्री शेल्टर को अपडेट किया जा रहा है. अधिकतर पर काम शुरु हो चुका है और कुछ शेल्टर तैयार हो चुके हैं सोलर सेटअप और लाइटिंग का काम बाकि है। जल्दी ही शहर के दस यात्री शेड बन की तैयार हो जाएंगे।
विजय कुमार, सीटीओ मेडा
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