भारत के दूर दराज के इलाकों में महिलाएं कौशल क्रांति में दे रही हैं योगदान


यूपी, असम, पश्चिम बंगाल, जम्मू- कश्मीर महिलाओं को कौशल प्रदान करने में सबसे आगे

मेरठ : भारत के दूर-दराज के इलाकों में मूक क्रान्ति आ रही है आज महानगरों के दायरे से बढ़कर छोटे शहरों में भी कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान में निरंतर बदलाव आ रहे हैं, जहां महिलाएं सामाजिक बाधाओं का सामना करने के लिए कौशल का लाभ उठा रही हैं। इस दृष्टि से स्किल इंडिया डिजिटल हब एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म के रूप में उभरा है, जो देश भर में यह बदलाव लाने में मदद कर रहा है। वेद मणि तिवारी के नेतृत्व में एनएसडीसी देश भर की महिलाओं के लिए कौशल को अधिक सुलभ बना रहा है। उत्तर प्रदेश में 1.17 मिलियान से अधिक महिलाएं स्किल इंडिया डिजिटल हब के माध्यम से कौशल हासिल कर चुकी हैं।

श्रेष्ठा गुप्ता चीफ़ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, एनएसडीसी ने कहा, ‘‘टेक्नोलॉजी कौशल की सभी बाधाओं को दूर कर देश भर की महिलाओं के लिए लर्निंग को आसान बना रही है। एसआईडीएच जैसे डिजिटल प्लेटफॉम्र्स की मदद से हम महिलाओं को न सिर्फ शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाते हैं। यहां प्रशिक्षण पाने के बाद महिलाएं अपने आप को अपस्किल कर अपनी शर्तों पर जीवन जीने में सक्षम बन जाती हैं।’
वहीं असम और पश्चिम बंगाल भी ज़्यादा पीछे नहीं हैं जहां क्रमशः 587,285 और 524,520 महिलाओं ने कौशल प्राप्त किया है। ये आंकड़े बताते हैं कि आज छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों की महिलाएं सभी बाधाओं का सामना कर सफलता की ओर अग्रसर हैं।

 जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों एवं क्षेत्रों में सीमा पर मौजूद गांवों की बात करें तो कौशल एवं रोज़गार आर्थिक आत्मनिर्भरता से कहीं अधिक मायने रखता है। यहां महिलाएं सदियों पुरानी रूढ़िवादी अवधारणाओं को दूर कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। जम्मू-कश्मीर में तकरीबन 340, 814 महिलाएं कौशल प्राप्त कर भौगोलिक एवं सामाजिक बाधाओं से बाहर निकल कर आगे बढ़ चुकी हैं।

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