- यदुनाथ राम
आज दैनिक जीवन में ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऊर्जा के परम्परागत स्रोतः कोयला, कूड ऑयल, नेचुरल गैस हमारे पास पर्याप्त मात्रा में नहीं है। हम अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी कुल जरूरत का लगभग 20-22 प्रतिशत कोयला, 85 प्रतिशत खनिज ऑयल (क्रूड ऑयल) एवं 50 प्रतिशत नेचुरल गैरा अन्य देशों से आयात करते है। सन् 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का हमने संकल्प लिया है। इस संकल्प को समय से अथवा समय से पहले पूरा करने के लिए हमें अपनी ऊर्जा जरूरतो पर आत्म निर्भर होना होगा। जिसके लिए हमें नवीनीकरण ऊर्जा स्रोत सोलर पावर, हाइड्रो पावर, विन्ड पावर, बाँयो पावर दोहन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना है।
नवीनीकरण ऊर्जा स्रोत सोलर पावर, हाइड्रो पावर, विन्ड पावर, बायो-पावर जिसे हम हरित ऊर्जा स्रोत भी कहते है, हमारे देश में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। विशेषकर सोलर इनर्जी का ग्रोत हमारे देश में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। साल भर में हमे औसतन 253 दिन सोलर इनर्जी प्राप्त होती है, जिसे हम सोलर पैनल लगाकर विद्युत ऊर्जा में बदल सकते हैं तथा अपनी ऊजा जरूरतों को पूरा कर सकते है। वर्ष 2030 तक हम अपनी जरूरत का लगभग 50 प्रतिशत ऊर्जा सोलर पावर से पैदा करेगें, यह हमारा संकल्प है।
इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत निजी आवासो में ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर पैनेल लगवाने वाले उपभोक्ताओं को केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार से अनुदान देकर उन्हें सोलर पैनेल लगवाने हेतु उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 1 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर पैनेल जिसकी कुल लागत रु० 65000 है पर कुल रु० 45000 अनुदान, 2 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर पैनेल जिसकी कुल लागत रु० 130000 है पर कुल रु० 90000 का अनुदान तथा 3 किलोवाट एवं इससे अधिक सोलर के पावर चैनेल लगवाने पर रु० 108000 का अनुदान दिया जा रहा है। 1 किलोवाट के सोलर पैनेल से लगभग 4-5 यूनिट बिजली प्रतिदिन पैदा होती है तथा इससे 2 पंखे, 3-4 एल०ई०डी० लाईट, 1 टी०वी० एवं 1 फ्रीज चलाया जा सकता है। इसी प्रकार से 2 किलोवाट के सोलर पैनेल से प्रतिदिन 8-9 यूनिट बिजली पैदा होती है तथा 4-5 एल०ई०डी० लाईट, 3-4 पंखे, 1 टी०वी०, 1 फ्रीज एवं 1 वॉशिंगमशीन चलाई जा सकती है तथा मासिक बिजली बिल में लगभग 80 प्रतिशत तक की कमी की जा सकती है। किसानों के निजी नलकूपों को सोलर पैनेल से चलाने हेतु "प्रधानमंत्री कुसुम योजना" के तहत निजी नलकूपों पर अनुदान देकर सोलर पैनेल लगवाये जा रहे है।
देश में हरित ऊर्जा क्रान्ति की शुरुआत हो चुकी है। ब्रिड कनेक्टेड रूपटॉप सोलर पावर प्लान्ट पर पुराने मीटर को निःशुल्क बदलकर स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं। इस मीटर में उपभोक्ता द्वारा खर्च की गई ऊर्जा एवं पैदा की गई ऊर्जा का अलग-अलग रिकार्ड रहेगा। उपभोक्ता का बिल उपभोक्ता द्वारा खर्च की गई ऊर्जा में से सोलर पावर प्लान्ट के माध्यम से पैदा की गई यूनिट घटाकर बनेगा तथा बिल को धनराशि में उल्लेखनीय कमी आएगी। यदि उपभोक्ता द्वारा खर्च करने से अधिक ऊर्जा पैदा की जाती है तो यह ऊर्जा मीटर से होते हुए ग्रिड में चली जायेगी और इस ऊर्जा के लिए बिजली विभाग उपभोक्ता को भुगतान करेगा। इस प्रकार से सोलर पावर पैनेल लगवाकर हम अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते हैं।
हमें आशा है कि आगामी कुछ वर्षों में हमारे गाँव का हर घर अपनी ऊर्जा जरूरतों का विद्युत उत्पादन सोलर पावर पैनेल से करने में सक्षम होगा तथा हर गली-मौहल्ले में सोलर अनर्जी से रोशन होगे, हर खेत को सोलर पम्प से सिंचाई हेतु पानी मिलेगा तथा घर-घर में सोलर अनर्जी से एल०ई०डी० लाईट, पंखे, टी०वी०, फ्रीज एवं वॉशिंगमशीन चलेगी तथा हम ऊर्जा जरूरतों के लिए आत्म निर्भर बनकर देश को विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी बहतर भूमिका निभा सकेंगे।
(मुख्य अभियन्ता (वि०) मेरठ क्षेत्र-द्वितीय)
No comments:
Post a Comment