अब मंदिर पर हमला
इलमा अज़ीम
अमृतसर के खंडवाला इलाके में शुक्रवार रात को मंदिर पर हैंड ग्रेनेड फेंका गया तो एकबार फिर पंजाब सरकार की कार्यकर्दगी पर सवाल उठने लगे हैं। इस हमले के तुरंत बाद कांग्रेस, बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल ने बार-बार दोहराया कि भगवंत मान सरकार पंजाब की कानून व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह फेल है। मार्च, 2022 में जब भगवंत मान ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी तब पंजाब को समझने वाले राजनीतिक विश्लेषकों ने कुछ संदेह जताया था।
उन्हें संदेह इस बात का था कि क्या भगवंत मान के पास कोई बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव नहीं है, वह पाकिस्तान से सटे पंजाब जैसे बेहद संवेदनशील राज्य की जिम्मेदारी निभा पायेंगे? घटनाओं पर नजर डालें तो पंजाब में पिछले 5 महीनों में 13 धमाके हो चुके हैं। इन धमाकों के बाद यह सवाल मुंह के सामने खड़ा है कि क्या पंजाब की कानून व्यवस्था संभाल पाना आम आदमी पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बस की बात नहीं है? दरअसल, पंजाब ऐसा राज्य है जिसकी 550 किलोमीटर की सीमा पाकिस्तान से लगती है।
पंजाब लंबे वक्त खालिस्तानी आतंकवादियों के निशाने पर रहा और इस दौरान हजारों निर्दोष लोगों की हत्याएं हुई। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर यह आरोप लगता है कि वह पंजाब के सिख नौजवानों को अलग खालिस्तान के नाम पर भड़काती है। न सिर्फ आईएसआई बल्कि विदेश में बैठे कई कट्टरपंथी खालिस्तानी संगठन भी पंजाब का माहौल बिगाड़ने की लगातार कोशिश करते रहते हैं। ऐसे संगठनों में बब्बर खालसा इंटरनेशनल, सिख फॉर जस्टिस जैसे कई संगठनों के नाम शामिल हैं।
मंदिर पर हुए ताजा हमले के बाद अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने इसमें पाकिस्तान का हाथ होने की संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समय-समय पर ऐसी हरकतें करता रहता है। पिछले कुछ सालों में पंजाब में कई जगहों पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे हुए देखे गए हैं। इसके साथ ही ग्रेनेड हमले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
एक के बाद एक हो रही हत्याएं और ग्रेनेड हमलों के बाद फिर से यह सवाल जिंदा हो रहा है कि क्या आतंकवाद का काला दौर देखने वाले पंजाब में वही मनहूस दिन फिर से लौट रहे हैं? हालांकि मुख्यमंत्री भगवंत मान कहते हैं कि बहुत सारी ताकतें ऐसी हैं जो पंजाब को फलने-फूलने नहीं देना चाहतीं, वे पंजाब को लगातार अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं लेकिन उनसे यह सवाल जरूर पूछा जाएगा कि आखिर वह पंजाब में हो रहे आतंकी हमलों, नशे के कारण हो रही मौतों को क्यों नहीं रोक पा रहे हैं?
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