धूमधाम से शहर मेंं बसंत पंचमी पर्व
युवाओं में दिखा पतंगबाजी का उत्साह, महिलाओं ने भी आसमान में जमकर लड़ाए पेंच
मेरठ। मेरठ में बसंत पंचमी के अवसर पर शहरभर में पतंगबाजी का उत्साह देखने को मिला। लोगों ने छतों और खुले मैदानों में पतंगें उड़ाईं, जिससे पूरे शहर में 'आई पो' और 'काटा' की आवाजें गूंजती रहीं। इस दौरान युवाओं ने पर्यावरण और पक्षियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक के मांझे के उपयोग न करने की अपील की।
बंसत पंचती का रंग आधी रात से ही चढ़ने लगा । युवाओं ने छतों पर डीजे के तेज आवाज पर आसमान में पीले पंतग उड़ाई । सुबह से ही आसमान पंतगों से रंग बिरगा दिखाई दे रहा था। एक ओर जहां पर युवओं का पंतगों के प्रति जोश दिखाई दिया। वहीं महिलाए उनसे पीछे नहीं रही। वह भी आसामन में पंतग उड़ा कर पेंच लड़ाती दिखाई दी। इस युवा पंगत उडाने के साथ छतों पर डीज पर डांस करते नजर आए। चारों ओर वो काटे वो काट के सुर सुनते दिखाई दिए। युवाओं ं द्वारा माइक से छतों से चायनीज मांझा न प्रयोग करने की अपील की गयी।
युवा कार्यकर्ता निपुल चंदेल ने प्लास्टिक मांझे से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता फैलाई। बाजार में मोटू-पतलू और डोरेमोन जैसे कार्टून वाली पतंगें बच्चों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। दुकानदारों ने अपनी दुकानों को आकर्षक तरीके से सजाया, जिससे पतंग प्रेमियों ने जमकर खरीदारी की।
बसंत पंचमी वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जिसे ऋतुराज भी कहा जाता है। इस दिन से प्रकृति में नई ऊर्जा का संचार होता है, खेतों में फसलें लहलहाती हैं और चारों ओर हरियाली छा जाती है। यह त्योहार परिवार और मित्रों के साथ पतंगबाजी करके मनाने की पारंपरिक परंपरा है। इस वर्ष भी बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी ने इस त्योहार का भरपूर आनंद लिया और पतंगबाजी के साथ-साथ युवाओं ने पार्टियों का भी आयोजन किया।
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