पंचतत्व में विलीन हुए आर्थिक सुधारों के महानायक मनमोहन सिंह
राजकीय सम्मान के साथ हुई मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि, पूरा देश कर रहा नमन
मनमोहन सिंह की बेटियों ने दीं मुखाग्नि
नयी दिल्ली,एजेसी । पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। मनमोहन सिंह की बेटियों ने उन्हें मुखाग्नि दीं। आज आर्थिक सुधारों के महानायक डॉक्टर सिंह को पूरा देश याद कर रहा है।
मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार की सुबह उनके आवास 3, मोतीलाल नेहरू रोड, नई दिल्ली से सुबह करीब 8 बजे कांग्रेस मुख्यालय लाया गया। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को कुछ घंटे के लिए कांग्रेस दफ्तर में रखा गया, जहां आम जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजिल दी। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने डॉ साहब को श्रद्धांजलि दी।इसके बाद उनके पार्थिक शरीर को निगम बोध घाट ले जाया गया। जहां निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। मनमोहन सिंह की बेटियों ने उन्हें मुखाग्नि दीं। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, नेता विपक्ष राहुल गांधी, संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत कई नेता वहां मौजूद रहे. सभी ने डॉक्टर साहब को अंतिम श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा भूटान के राजा भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल थे।
बता दें 26 दिसंबर की रात मनमोहन सिंह का निधन हो गया था। दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। सिंह 92 साल के थे। पिछले कुछ समय समय से काफी बीमार चल रहे थे। दम तोड़ने से कुछ देर पहले उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। कुछ देर बाद ही उनका निधन हो गया। 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री रहे। देश की अर्थव्यवस्था में उनका अहम योगदान रहा है। उन्होंने देश में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया। मनमोहन सिंह के सम्मान में केंद्र सरकार ने देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।
प्रधानमंत्री के रूप में उठाए कई ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने सूचना क्रांति, मनरेगा, किसानों की कर्जमाफी, और शिक्षा के अधिकार जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए। उन्होंने सूचना का अधिकार (RTI), शिक्षा का अधिकार (RTE) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसी लाभकारी योजनाओं की शुरुआत की. नरसिम्हा राव सरकार में उन्हें भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था। 1991 में उन्होंने देश को आर्थिक संकट से बचाया था इसलिए डॉक्टर साहब को आर्थिक सुधारों का महानायक कहा जाता है।
26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के गाह में जन्म
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के गाह में हुआ था। 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आया। मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डी. फिल. की डिग्री ली। मनमोहन सिंह का सियासी सफर 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ, जब वो तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री बने। वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत में आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर मजबूत हुई।
No comments:
Post a Comment