नवाचार और उद्यमशीलता में बौद्धिक संपदा अधिकारों की भूमिका पर सत्र आयोजित
मेरठ। शोभित विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ एंड कॉन्स्टिट्यूशनल स्टडीज द्वारा "बेसिक्स ऑफ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स: इट्स इम्पोर्टेंस फॉर इनोवेटर्स एंड ऑन्ट्रप्रेन्योर्स" विषय पर एक व्यवहारिक और संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता सुश्री ईशा शर्मा ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के सिद्धांतों और नवाचार की सुरक्षा में उनकी भूमिका पर व्यापक प्रस्तुति दी। उन्होंने आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के लिए मजबूत बौद्धिक संपदा तंत्र के महत्व पर जोर दिया। सत्र की शुरुआत निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार गोयल की टिप्पणी से हुई, जिसमें उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था में बौद्धिक संपदा अधिकारों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। प्रो. विमला येरामिलि ने रचनात्मकता और उद्यमिता में बौद्धिक संपदा की भूमिका पर सारगर्भित समापन टिप्पणी दी। सत्र का मुख्य आकर्षण *प्रश्नोत्तरी खंड* था, जिसमें विद्यार्थियों और आचार्यों ने स्टार्ट-अप्स की चुनौतियों और डिजिटल युग में बौद्धिक संपदा अधिकारों के महत्व पर चर्चा की। सत्र का समापन कुलपति प्रो. विनोद कुमार त्यागी द्वारा किया गया। उन्होंने नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में बौद्धिक संपदा प्रबंधन की जटिलताओं से निपटने के लिए छात्रों को तैयार रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
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