आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति

इलमा अजीम 
भारत में युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति केवल एक चिंता का विषय नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में 1.71 लाख और 2023 में लगभग 2 लाख लोगों ने आत्महत्या की, जो दुनिया में सबसे अधिक है। रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होता है कि 41 फीसदी आत्महत्याएं 30 वर्ष से कम आयु के युवाओं द्वारा की जाती हैं। इसके पीछे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, शैक्षणिक दबाव, आर्थिक चिंताएं, प्रेम संबंधों में असफलता, नशे की लत और घरेलू हिंसा जैसे कई जटिल कारण शामिल हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार देश में हर दिन 35 से भी ज्यादा स्टूडेंट्स खुद की जान ले रहे हैं। यानी हर 40 मिनट में देश का एक स्टूडेंट आत्महत्या कर रहा है। स्टूडेंट सुसाइड की यह गिनती देश में किसानों की आत्महत्या से भी ज्यादा है।



 यह चौंकाने वाले आंकड़े आईसी-3 कॉन्फ्रेंस और एक्स्पो 2024 के दौरान जारी ‘स्टूडेंट सुसाइड : एन एपिडेमिक स्वीपिंग इंडिया रिपोर्ट’ में सामने आए हैं। हमारे देश में युवाओं पर मानसिक स्वास्थ्य का बोझ अत्यधिक बढ़ रहा है। सफलता का दबाव, अभिभावकों और शिक्षकों की अपेक्षाएं तथा व्यक्तिगत समस्याएं- जैसे करियर और रिश्तों की चुनौतियां, युवाओं को आत्महत्या के रास्ते पर धकेल रही हैं। इस संक्रमणकालीन अवस्था में, वे अनेक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिसमें अवसाद, एंग्जाइटी और पैनिक डिसऑर्डर प्रमुख हैं। पारिवारिक उपेक्षा और सामाजिक दबाव उनके मानसिक स्वास्थ्य को और भी गंभीर बना रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप हताशा और निराशा बढ़ रही है, और कई युवा नशे की ओर बढ़ते जा रहे हैं। इस गंभीर स्थिति में परिवार की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें अपने युवाओं पर नजर रखनी चाहिए। उनसे संवाद करना चाहिए और उनके मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए। इस भीषण समस्या का समाधान एक बहुआयामी रणनीति के माध्यम से ही संभव है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और शिक्षा प्रणाली में सुधार शामिल हैं।



 सरकार, गैर-सरकारी संगठनों और समुदायों को मिलकर काम करना होगा। युवाओं को यह बताना जरूरी है कि उनकी समस्याओं के समाधान मौजूद हैं और वे अकेले नहीं हैं। संवाद के माध्यम से युवाओं को समझाना और उन्हें स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना आवश्यक है।

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