मेरठ ।22 UP गर्ल्स बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल महेश कुमार चौहान और प्रशासनिक अधिकारी मेजर ऋजु रावत के निर्देशन व रघुनाथ गर्ल्स पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, मेरठ की प्राचार्या प्रो. निवेदिता कुमारी के सरंक्षण में 1 & 3/22 यूपी गर्ल्स बटालियन, आईक्यूएसी व इनोवेशन सेल के संयुक्त तत्वाधान में विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विषय था "फर्स्ट ऐड किट की आवश्यकता और उपयोगिता।"
आयोजन का उद्देश्य प्राथमिक चिकित्सा किट के महत्व और इसकी सही जानकारी को छात्राओं के बीच फैलाना था। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. निवेदिता कुमारी ने कोर्ट में उपस्थित लोगों को फर्स्ट ऐड की शपथ( मैं शपथ लेती हूं कि मैं अपने बैग, अपने घर व वाहन में फर्स्ट ऐड किट रखूंगी व अन्य लोगों को भी जागरूक करूंगी) दिलाकर किया। मिस प्रियंका ने अपने व्याख्यान में प्राथमिक चिकित्सा दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि फर्स्ट ऐड किट का इतिहास मुख्यत: युद्ध और आपातकालीन परिस्थितियों से जुड़ा है। प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान प्राथमिक चिकित्सा किट का उपयोग सैन्य नागरिकों के लिए किया गया। 20 वीं सदी के मध्य में इनकी अवधारणा को घरेलू और सार्वजनिक जीवन में भी अपनाया गया, जिससे इसकी उपयोगिता में वृद्धि हुई। डॉ. उपासना देवी ने फर्स्ट ऐड किट के महत्त्व पर जोर देते हुए कहा कि फर्स्ट ऐड किट की आवश्यकता जीवन की आकस्मिक चिकित्सा स्थितियों में तत्काल सहायता के लिए होती है। घर, कार्यस्थल और यात्रा के दौरान चोटों और बीमारियों का तुरंत इलाज करने के लिए यह किट महत्वपूर्ण होती है। इससे आपातकालीन परिस्थितियों में जल्दी सहायता मिलती है, खासकर जब पेशेवर चिकित्सा तुरंत उपलब्ध नहीं होती। प्रो. सोनिका चौधरी ने कहा कि किट की यूटिलिटी मुख्यत: त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करना है। यह किट विभिन्न चोटों और स्वास्थ्य समस्याओं के लिए तत्काल उपचार देती है, जैसे कि कट, खरोच और हल्की बीमारियां। इससे स्थिति को स्थिर किया जा सकता है और पेशेवर चिकित्सक के आने तक स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। अंत में मेजर प्रो. अंजुला राजवंशी ने फर्स्ट एड किट में क्या सामान होना चाहिए इसकी विस्तृत जानकारी दी।
किट में बैंडेज, पट्टियाँ, एंटीसेप्टिक वाइप्स, दर्द निवारक दवाएं, और प्राथमिक चिकित्सा गाइड अनिवार्यतः होने चाहिए। साथ ही थर्मामीटर, हॉट पैड, स्टीराइल गेज़, और हेमॉस्टैटिक ड्रेसिंग जैसी सामग्री का होना भी जरूरी है,जो विभिन्न चिकित्सा स्थितियों में सहायता करती है। इस कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स, महाविद्यालय की छात्राएं और शिक्षिकाएं शामिल हुईं। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने इस व्याख्यान को अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया और आपातकालीन चिकित्सा की तैयारी की अहमियत को समझा। कार्यक्रम का संचालन CPL खुशी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मेजर प्रो. अंजुला राजवंशी, सीटीओ मिस प्रियंका, ओएनओआई स्वाती मिश्रा, इनोवेशन सेल प्रेसिडेंट प्रो. दीक्षा यजुर्वेदी, इनोवेशन सेल इंचार्ज डॉ. उपासना देवी, आईक्यूएसी इंचार्ज डॉ. गीता रानी, लाइबा और श्री रामबीर का सराहनीय योगदान रहा।
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